सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है इसमें दिखाया जा रहा है कि नीतीश कुमार का काफिला जा रहा है और बिहार पुलिस के अधिकारियों द्वारा एक एंबुलेंस को रास्ता देने से इनकार कर दिया गया है और रोक दिया गया है. एंबुलेंस में मरीज बैठा हुआ है और उसके परिजन रो रहे हैं बावजूद इसके बिहार पुलिस के किसी अधिकारियों ने उस मरीज के परिजनों की फरियाद नहीं सुनी. वीडियो वायरल होने के बाद इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है.
नीतीश कुमार के काफिले के लिए रोकी गई एंबुलेंस, जोखिम में मरीज की जान, रोते-बिलखते रहे परिजन : वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी आईटी हेड अमित मालवीय ने नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि इस वीडियो को देखिए और सुशासन बाबू की संवेदनहीनता का अंदाजा लगा लीजिए. सुशासन बाबू पीएम बनने का सपना देख रहे हैं लेकिन अपने काफिले के कारण वे मरीज की जान को जोखिम में डाल रहे हैं. सीएम साहब अगर 2 मिनट के लिए रुक जाती है तो उनका कुछ नहीं बिगड़ता लेकिन अगर मरीज डॉक्टर के पास पहुंचने में लेट हो जाता है तो उसकी जान जा सकती है.