भागलपुर में डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच बकरी के दूध की बढ़ी डिमांड, 400 रुपया लीटर है कीमत
डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच बकरी के दूध ढूंढ़ने पर भी नहीं मिल रहा है। जहां मिल रहा है, वहां उसकी कीमत अधिक ली जा रही है। डेंगू होने के बाद प्लेटलेट्स कम होने पर बकरी का दूध पीना फायदेमंद माना जाता है। इस कारण इसकी मांग बढ़ गयी है। लोग दूर-दराज से ढूंढ़कर दूध ला रहे हैं।
बकरी पालन कर रहे बभनगामा के कुमार मंगलम ने बताया कि डेंगू के कारण बकरी के दूध की अच्छी बिक्री हो रही है। थोक विक्रेता के यहां 400 रुपये लीटर मिल रहा है, लेकिन खुदरा में इसकी कीमत एक हजार रुपये तक ली जा रही है। बकरी का दूध कम उपलब्ध होने के कारण इसकी मांग बढ़ गयी है। उधर, बाजार में कीवी व नारियल पानी की मांग दोगुनी हो चुकी है। घंटाघर, सैंडिस कंपाउंड, तिलकामांझी, वेरायटी चौक आदि जगहों पर बड़े पैमाने पर नारियल पानी बेचा जा रहा है।
घंटाघर स्थित फल विक्रेता विशाल ने बताया कि डेंगू के कारण कीवी फल 30 रुपये महंगा हो गया है। अभी यह 120 रुपये डिब्बा बिक रहा है, जबकि नारियल पानी 50 से 60 रुपये पीस, सेब 100 से 120 व अनार 140-150 रुपये किलो बिक रहा है। आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. सैयद शहाबुद्दीन अहमद ने बताया कि डेंगू में आयुर्वेदिक चिकित्सा कारगार होता है। इसमें बकरी का दूध पीना लाभदायक माना गया है। डेंगू से पीड़ित व्यक्ति को पपीता के पत्ते का रस व नारियल पानी का उपयोग करना चाहिए। साथ ही खट्टे फल का सेवन करना चाहिए।
मायागंज अस्पताल में सात डेंगू के मरीज मिले
रविवार को मायागंज अस्पताल में जांच के दौरान सात डेंगू के मरीज पाए गये तो वहीं अस्पताल में भर्ती छह डेंगू के मरीज डिस्चार्ज हो गये। अस्पताल के हॉस्पिटल मैनेजर सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि रविवार को अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती छह मरीज डिस्चार्ज हो गये। वहीं जांच में डेंगू पॉजिटिव मिले शहर के जवारीपुर निवासी 28 साल का युवक, इशाकचक निवासी 40 साल का युवक, तिलकामांझी निवासी 12 साल की बच्ची, कोतवाली निवासी 12 साल का बच्चा, भीखनपुर निवासी 30 साल का युवक को भर्ती किया गया।
शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें
फिजिशियन डॉ. विनय कुमार झा ने बताया कि डेंगू में पानी की कभी कमी नहीं होने देना चाहिए। मरीज को प्रचुर मात्रा में पानी पीना चाहिए। इलेक्ट्रॉल पाउडर का उपयोग करें। फल का जूस ले सकते हैं। पपीता खायें। नारियल का डाभ पीयें। कभी बीपी को घटने नहीं दें। अगर बीपी घटे या मन में शंका हो तो तत्काल चिकित्सकों से परामर्श करना चाहिए।
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