बिहार की सियासत ने प्रदेश से लेकर दिल्ली तक हलचल मचा रखी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागंठबंधन से किनारा करने का मन बना चुके हैं. कहा जाता है कि आपदा में अवसर भी छिपा होता है. ऐसे में अब बिहार की सियासत में जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की अहमियत बढ़ गई है।
प्रदेश की सियासी आपदा के बीच जीतनराम मांझी की ओर से सरकार में शामिल होने के लिए पार्टी के दो नेताओं को मंत्री बनाने की मांग की गई है. वहीं इन सबके बीच हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी के आवास के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं, जिन पर लिखा है ‘बिहार में बहार है, बिना मांझी सब बेकार है।
दरअसल, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा नेता श्याम सुंदर शरण ने कहा कि जिस तरह से हमारी पार्टी गरीबों की बात करती है और उनके बीच रहकर काम करती है. ऐसे में हमें लगता है कि हमारी पार्टी के पास कम से कम दो मंत्री पद होने चाहिए. इससे हम जनता को बेहतर सेवाएं दे सकेंगे. कार्यकर्ताओं की आकांक्षाएं पूरी होनी चाहिए. हमारे नेता प्रधानमंत्री के साथ खड़े हैं।