पूर्णिया/भागलपुर।कई बार जिंदगी ऐसे मोड़ पर ले आती है जहाँ दिल और कर्तव्य के बीच चयन करना आसान नहीं होता। पूर्णिया के अमित कुमार ने ऐसा ही कठिन निर्णय लिया—पिता के देहांत के बाद श्राद्धकर्म छोड़कर UPSC इंटरव्यू में शामिल हुए, और अब परिणाम सामने है—अमित ने 729वीं रैंक हासिल कर अपने पिता का सपना साकार कर दिखाया।
पिता का सपना था—बेटा बने IAS अधिकारी
अमित के पिता स्व. विनोद नारायण, बिहार पुलिस में 84 बैच के एसआई थे और डीएसपी पद से सेवानिवृत्त हुए थे। उनका सपना था कि बेटा सिविल सेवा में जाए। पिता की मृत्यु के कुछ ही दिनों बाद जब UPSC इंटरव्यू की तारीख आई, तो अमित ने मन को मजबूत किया और इंटरव्यू देने गए।
पाँचवे प्रयास में मिली सफलता
अमित वर्तमान में भागलपुर स्पेशल ब्रांच में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं। यह उनका पाँचवां प्रयास था। नौकरी के साथ-साथ उन्होंने ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जारी रखी और सफलता प्राप्त की।
शिक्षा और पारिवारिक पृष्ठभूमि
- दसवीं: सैनिक स्कूल, नालंदा (2008)
- इंटर: रामबाग इंटर कॉलेज, पूर्णिया (2010)
- स्नातक: बीटेक, IIT दिल्ली
- विदेश अनुभव: 2014 में जापान में कार्य किया
- परिवार में शिक्षा का माहौल:
- बड़ी बहन डॉ. रश्मि रथी — BPSC अधिकारी, सीतामढ़ी
- छोटी बहन डॉ. रागिनी रथी — बिहटा मेडिकल कॉलेज में शिक्षक
- छोटा भाई मनीष — IIT दिल्ली से पीएचडी कर रहे हैं
मां का सहयोग और पिता की प्रेरणा
अमित ने बताया कि उनकी मां अहिल्या नारायण ने हर कदम पर हौसला बढ़ाया और पिता ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया।
“मैं इंटरव्यू में बैठा था, मगर मेरे साथ मेरे पिता का सपना और मां का आशीर्वाद भी था,” अमित ने बातचीत में कहा।