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अमेरिका में PHD कर भारतीय छात्र को निबंध लिखना पड़ा भारी, बर्बाद हो गया करियर, जानें क्‍या लिखा था ?

ByLuv Kush

दिसम्बर 12, 2024
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इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष ने एक भारतीय मूल के छात्र का करियर बर्बाद कर दिया है। अमेरिका की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT)  ने भारतीय छात्र  प्रहलाद अयंगर को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि उनके फिलिस्तीन समर्थक निबंध ने परिसर में तनाव पैदा किया और विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा दिया। ‘MIT कोलिशन अगेंस्ट अपार्थेड’ नामक एक संगठन ने ‘एक्स’ पर एक ‘पोस्ट’ साझा करके बताया कि नेशनल साइंस फाउंडेशन के फेलो प्रह्लाद अयंगर को ‘‘जनवरी 2026 तक निलंबित” कर दिया गया है।

संगठन ने कहा कि इस निलंबन से अयंगर की पांच वर्षीय NSF फेलोशिप समाप्त हो जाएगी तथा उनका शैक्षणिक कैरियर बुरी तरह प्रभावित होगा। उसने कहा कि ‘इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस’ विभाग में Phd  के छात्र अयंगर बुधवार को एमआईटी में कुलपति के समक्ष ‘‘इस निर्णय के खिलाफ अपील कर रहे हैं” जो ‘‘इस उत्पीड़न को रोकने और उनकी अकादमिक गरिमा को बहाल करने का अंतिम अवसर है।” संगठन ने कहा, ‘‘यह निर्णय भाषण-संबंधी गतिविधियों के परिणामस्वरूप लगाए गए कई प्रतिबंधों में सबसे कठोर है। इन गतिविधियों में फिलीस्तीन के मुद्दे पर उनका एक लेख भी शामिल है जिसे अयंगर ने छात्र-संचालित पत्रिका ‘रिटन रिवोल्यूशन’ के लिए लिखा था।”

निलंबन का कारण 
पिछले महीने, प्रहलाद अयंगर ने  रिटेन रिवोल्यूशन नामक एक बहु-विषयक छात्र पत्रिका में एक निबंध प्रकाशित किया। यह निबंध फिलिस्तीन समर्थक आंदोलन पर आधारित था, जिसमें उन्होंने कथित रूप से विवादित विचार व्यक्त किए।   MIT  ने आरोप लगाया कि निबंध में इस्तेमाल की गई भाषा और उसमें दिखाए गए चित्र हिंसक विरोध प्रदर्शनों को भड़काने वाले हो सकते हैं। निबंध में फिलिस्तीन की मुक्ति के लिए काम कर रहे एक संगठन के प्रतीक का भी जिक्र था, जिसे  अमेरिकी विदेश विभाग आतंकवादी संगठन मानता है।

रंगभेद के खिलाफ MIT गठबंधन ने प्रहलाद के निलंबन का विरोध किया है। गठबंधन ने एक बयान में कहा, “यह निलंबन अनुचित है और ऐसे मामलों में आमतौर पर अनौपचारिक चेतावनी दी जाती है। प्रहलाद के साथ अन्याय किया गया है।” प्रहलाद ने अपने खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को चुनौती देने का फैसला किया है। वे चांसलर के समक्ष अपील दायर करेंगे। इसके अलावा, उन्होंने MIT प्रशासन पर दबाव डालने के लिए एक अभियान शुरू किया है।

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