Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

भागलपुर में चल रहा था अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह; तीन महीने में डेढ़ करोड़ ठगे,बैंककर्मी भी हो सकते हैं संलिप्त

ByKumar Aditya

अक्टूबर 25, 2024
20241025 121814 jpg

भागलपुर। अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह को लेकर कई नई बातों का खुलासा किया गया है। गिरोह के 10 सदस्यों की गिरफ्तारी और उनके पास से बरामदगी को लेकर एसपी सिटी डॉ. के रामदास ने गुरुवार को प्रेस वार्ता का आयोजन किया। प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त मो. छोटू की प्रेमिका कॉल सेंटर में जॉब दिलाने के नाम पर ट्यूशन सेंटर में पढ़ने वाली छात्राओं को जाल में फंसाकर काम करवाती थी। पुलिस उक्त युवती से पूछताछ कर रही है। एसपी सिटी ने कहा कि इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस की टीम अन्य राज्यों में जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि सरगना ने पहले आसनसोल में साइबर ठगी का गिरोह शुरू किया था। वहां पुलिस पीछे पड़ी तो वे भागकर भागलपुर आए गए।

जिन 10 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है उनमें ठग गिरोह का मास्टरमाइंड पश्चिम बंगाल के 24 परगना के खरदा का रहने वाला राहुल उर्फ जीशान, वहीं का रहने वाला मो. महताब अली, जमुई जिले के सोनो का रहने वाला आदित्य कुमार, हुसैनपुर का मो. छोटू, पश्चिम बंगाल के हुगली की रहने वाली दो बहनें निधि वाल्मिकी, वहीं की विधि वाल्मिकी, पश्चिम बंगाल आसनसोल के हीरापुर की प्रियंका कौर, वहीं की निंदन कौर, कृतिका विश्वकर्मा और लक्ष्मी ठाकुर शामिल हैं। प्रेस वार्ता के दौरान साइबर थाना के थानेदार डीएसपी संजीव कुमार और अपर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अकील अहमद भी मौजूद थे।

तीन महीने में डेढ़ करोड़, अक्टूबर में 2.69 लाख की ठगी 

पुलिस की जांच में यह पता चला है कि घूरन पीरबाबा चौक के पास स्थित मकान में संचालित किए जा रहे साइबर ठग गिरोह के द्वारा पिछले तीन महीने में लोगों से डेढ़ करोड़ रुपये की ठगी की जा चुकी थी। सिर्फ अक्टूबर की बात करें तो 15 अक्टूबर तक 2.69 लाख रुपये वे लोगों के खाते से उड़ा चुके थे। जिन मोबाइल नंबर का साइबर अपराधी इस्तेमाल कर रहे थे उसकी जानकारी पीड़ित ने पुलिस को दी। गुरुग्राम की रहने वाली डॉ खुशबू सहित पांडीचेरी, रायबरेली आदि जगहों रहने वाले पीड़ित ने जो भी मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया था उन सभी का लोकेशन भागलपुर आ रहा था। उसी दौरान नाथनगर का एक शख्स पुलिस के हाथ लगा और उसके मोबाइल को खंगालने के बाद पुलिस गिरोह तक पहुंच गई।

अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह के विरुद्ध कार्रवाई के लिए बनाई गई पुलिस की टीम में साइबर थाना के थानेदार और अपर थानेदार के अलावा उसी थाना के इंस्पेक्टर राकेश कुमार, एसआई राममोहन कुमार, एसआई विनोद कुमार, एसआई प्रतिमा कुमारी, एसआई रामकृष्ण, एसआई प्रियरंजन, एसआई मो हनीफ, एसआई पुष्पराज, पीटीसी मिथिलेश मधुकर, सिपाही संजीत, प्रियंका आदि भी शामिल थे।

दो सदस्य एटीएम से पैसे निकालने के लिए लगाए

गिरोह के सदस्यों से पुलिस की पूछताछ में यह पता चला है कि उक्त गिरोह के दो सदस्य एटीएम से पैसे की निकासी के लिए लगाए गए थे। पीड़ित के खाते से पैसे उड़ाते ही साइबर ठग गिरोह सक्रिय हो जाता था। उन्हें इस बात का डर रहता था कि शिकायत पर पैसे होल्ड किए जा सकते हैें। छापेमारी में 17 लड़कियां लोकल थी। उन्होंने बताया कि कॉल सेंटर के नाम पर उन्हें नौकरी दी गई। गिरफ्तार की गई लड़कियां धड़ल्ले से अंग्रेजी बोल रही थीं।

56 पेज में लोगों के डाटा मिले, 44 सिम भी बरामद

गिरोह के मास्टरमाइंड राहुल उर्फ जीशान के पॉकेट से लोगों के मोबाइल नंबर सहित अन्य डाटा मिले। 56 पेज में लोगों के डेटा लिखे हुए थे। पुलिस ने गिरोह के सदस्यों के पास से जो बरामद किया है उनमें कुल 38 मोबाइल जिनमें 21 कीपैड वाला और 17 स्मार्टफोन, 44 सिमकार्ड, विभिन्न बैंकों के 34 एटीएम कार्ड, 14 चेकबुक, तीन पासबुक, तीन बाइक, 73500 रुपये नगद, चार अंगूठी, ब्रेसलेट, चेन, एक लैपटॉप, रजिस्टर आदि शामिल हैं।

बैंककर्मियों की संलिप्तता की हो रही जांच

अंतरराज्यीय साइबर गिरोह के पकड़े जाने के बाद पुलिस की जांच में यह साफ हो गया कि वे फर्जी नाम और पता पर सिम ले रहे थे और बैंकों में खाते भी खुलवा रहे थे। कई बैंकों में फर्जी नाम पर खाते खोले जाने की बात सामने आई। एसपी सिटी ने कहा कि साइबर ठग गिरोह के साथ बैंककर्मी की संलिप्तता के बिंदु पर भी जांच की जा रही है। इसके अलावा फर्जी नाम और पता पर सिम उपलब्ध कराने वालों की भी पहचान की जा रही है।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading