आंध्र प्रदेश सरकार ने पेश किया 2.94 लाख करोड़ रुपये का बजट, राजस्व घाटा 34 हजार करोड़ के पार
आंध्र प्रदेश सरकार ने साेमवार काे वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट पेश किया है। सरकार ने 2.94 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री पय्यावुला केशव ने विधानसभा में अपनी सरकार का पहला बजट पेश किया। हालांकि विपक्ष की वाईएसआरसीपी पार्टी ने बजट के विरोध में आज सत्र का बहिष्कार किया है।
वित्त मंत्री केशव के बजट भाषण के अनुसार, आंध्र प्रदेश सरकार का राजस्व व्यय 2.35 लाख करोड़ रुपये और पूंजीगत व्यय 32 हजार करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। राज्य का राजस्व घाटा करीब 34,743 हजार करोड़ रुपये है, जो राज्य की कुल अर्थव्यवस्था (जीएसडीपी) का 2.12 प्रतिशत है। राजकोषीय घाटा करीब 68 हजार करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
वित्त मंत्री केशव ने कहा कि बजट राज्य की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए संपत्ति का सृजन करके प्रदेश काे वित्तीय रूप से फिर से मजबूती से खड़ा करने के लिए बनाया गया है। बता दें कि 2.94 लाख करोड़ रुपये का सालाना बजट के पेश करने के साथ ही आज से आंध्र प्रदेश विधानसभा सत्र शुरू हो गया है। बजट भाषण सुबह 10 बजकर 7 मिनट पर शुरू हुआ।
इससे पहले कैबिनेट की बैठक विधानसभा में मुख्यमंत्री के चैंबर में हुई जहां कैबिनेट ने राज्य के बजट को मंजूरी दी। वित्त विभाग ने जल निकासी, कल्याण, शिक्षा और चिकित्सा क्षेत्रों पर जोर देते हुए बजट तैयार किया है।
वित्त मंत्री पय्यावुला केशव ने अपने बजट भाषण में विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों से संबंधित धन के आवंटन के बारे में बताया। विभिन्न क्षेत्रों के लिए आवंटन की सूची इस प्रकार है।
- स्कूली शिक्षा 29,909 करोड़ रुपये।
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उच्च शिक्षा 2,326 करोड़ रुपये ।
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महिला एवं बाल कल्याण 4,285 करोड़ रुपये।
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मानव संसाधन विकास 1,215 करोड़ रुपये।
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पंचायत राज और ग्रामीण विकास के लिए 16,739 करोड़ रुपये।
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स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 18,421 करोड़ रुपये।
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शहरी विकास 11490 करोड़ रुपये।
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आवास निर्माण 4,012 करोड़ रुपये।
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सड़कों और इमारतों के लिए 9,554 करोड़ रुपये।
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उद्योग एवं वाणिज्य 3,127 करोड़ रुपये।
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युवा, पर्यटन, संस्कृति 322 करोड़ रुपये।
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जल संसाधन 16,705 करोड़ रुपये।
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पर्यावरण एवं वन विभाग के लिए 687 करोड़ रुपये।
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ऊर्जा क्षेत्र 8,207 करोड़ रुपये।
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पुलिस विभाग के लिए 8,495 करोड़ रुपये।
कृषि के लिए 43,402 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। गौरतलब है कि राज्य की 62 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषि के बजट में मिट्टी की जांच पर भी फोकस किया गया है।
आंध्र प्रदेश के वित्त मंत्री केशव ने कहा कि इस बजट का उद्देश्य राज्य के वित्तीय पहियों को फिर से चालू करना है। वित्त मंत्री ने राज्य की खराब आर्थिक स्थिति के लिए पिछली वाईएसआरसीपी के जगन मोहन रेड्डी सरकार पर आरोप लगाया। अपने भाषण में पिछली वाईएसआरसीपी सरकार पर हमला करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जब पिछली सरकार सत्ता से बाहर हुई, तब तक राज्य की वित्तीय स्थिति चरमरा चुकी थी और अब वित्तीय संकट के बाहर निकलने के उपाय खोजना जरूरी है।
वहीं दूसरी ओर विपक्ष की पार्टी वाईएसआरसीपी ने बजट के विरोध में आज सत्र का बहिष्कार किया।
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