राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में सिविल कोर्ट के सभी अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया है. बीते बुधवार को छपरा में हुए दो अधिवक्ता जिसमें राम अयोध्या राय और उनके पुत्र सुनील कुमार की निर्मम हत्या के बाद सभी अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश है. ऐसे में शुक्रवार को मसौढ़ी सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं ने नारेबाजी की और हत्यारों को फांसी देने की मांग की है. इसके अलावा मृतक के परिवार 50 लाख मुआवजा और एक सरकारी नौकरी की भी मांग की गई है।
अधिवक्ता सुरक्षा कानून की मांग: अधिवक्ता संघ मसौढ़ी के महासचिव राकेश कुमार ने कहा कि छपरा में जिस तरह से अधिवक्ता की निर्मम हत्या हुई है, यह एक सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहे है, जिसको लेकर शुक्रवार को सभी अधिवक्ताओं ने दिवगंत आत्मा की शांति के लिए शोक सभा का आयोजन किया. इसके अलावा सरकार के खिलाफ विरोध करते हुए जल्द ही इस देश में अधिवक्ता सुरक्षा बिल पास करने की मांग की ताकि सभी अधिवक्ताओं को जो दूसरों के न्याय के लिए लड़ते हैं उन्हें सुरक्षा मिल सके।
“छपरा में जिस तरह से दो अधिवक्ता जिसमें पिता पुत्र की निर्मम हत्या कर दी गई है, यह सुरक्षा व्यवस्था और कानून पर कई सवाल खड़ा कर रहा है. ऐसे में हम सभी अधिवक्ताओं ने कई बार सरकार से अधिवक्ता सुरक्षा कानून बनाने की मांग की है. अगर जल्दी मांग पर पूरी नहीं हुई तो प्रदेश में आंदोलन होगा.”-राकेश कुमार, महासचिव अधिवक्ता संघ मसौढ़ी
कोर्ट जाने के दौरान पिता-पुत्र की हत्या: बता दें कि दो दिन पहले छपरा में कोर्ट जाने के दौरान दो अधिवक्ताओं की हत्या कर दी गई. मृतक की पहचान राम अयोध्या प्रसाद यादव और उनके पुत्र सुनील कुमार राय के रूप में हुई. दोनों एक साथ बाइक से अपने घर मेथवालिया से छपरा कचहरी के लिए निकले थे, तभी दूधिया पुल के पास अपराधियों ने पिता-पुत्र पर गोलीबारी शुरू कर दी. गोली लगने से दोनों बाइक से नीचे गिरे और घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई।