राम भक्तों का एक और सपना होगा पूरा, अयोध्या में राम मंदिर के बाद अब बनेगा राम सेतु, भारत से जुड़ेगा श्रीलंका
अयोध्या में रामलला के विराजित होने के बाद अब श्रीराम से जुड़े एक और पौराणिक महत्व के स्थल को साकार करने की योजना बनाई जा रही है। रामायण में जिस राम सेतु का वर्णन है उसे पुनः निर्मित करने की पहल की जा रही है। इससे भारत से श्रीलंका पैदल भी जाया जा सकेगा। तमिलनाडु के रामेश्वरम में धनुषकोडी वह स्थान माना जाता है जहां भगवान राम ने वानर सेना को एक पुल बनाने के लिए कहा था ताकि उनकी सेना लंका जा सके। कई सेटेलाइट तस्वीरें और समुद्र में तैरते पत्थरों की मौजूदगी राम सेतु के अस्तित्व के दावे का प्रमाण मना जाता है। अब उसी राम सेतु को जीवंत करने की योजना है। यानी आम लोग भी भगवान श्रीराम और उनकी सेना की तरह पुल पर चलकर श्रीलंका जा सकेंगे।
23 किलोमीटर का राम सेतु : केंद्र सरकार की योजना के तहत भारत और श्रीलंका के बीच 23 किलोमीटर लंबा समुद्री पुल बनाना है। यह पुल धनुषकोडी- तलाईमन्नार को जोड़ेगा। इस पुल से पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। भारत सरकार जल्द ही भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाले पुल के निर्माण पर काम शुरू करेगी। अधिकारियों के अनुसार, सरकार समुद्र के पार 23 किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करेगी। यह पुल भारत के तमिलनाडु में धनुषकोडी और श्रीलंका में तलाईमन्नार को जोड़ेगा।
40 हजार करोड़ की लागत : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण NHAI द्वारा इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। नया राम सेतु 23 किमी लंबा होगा। इसमें सड़क के साथ ही रेल पुल भी होगा। इससे भारत से श्रीलंका सामान ले जाने की लागत 50 फीसदी तक कम होगी। NHAI के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार छह महीने पहले संपन्न हुए आर्थिक और तकनीकी सहयोग समझौते ने 40,000 करोड़ रुपए के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। इसमें एडीबी द्वारा समर्थित राम सेतु के केंद्र में नई रेल लाइनें और एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इनका व्यवहार्यता अध्ययन जल्द ही शुरू होगा।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.