पटना: ताबड़तोड़ आदेश जारी कर रहे बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नया फरमान जारी किया है. केके पाठक ने बिहार के सरकारी स्कूलों से लगातार 15 दिनों तक गायब रहने वाले छात्र-छात्राओं का नामांकन रद्द करने का निर्देश दिया है. उनका कहना है कि ऐसे बच्चो का नामांकन रद्द होने से सरकार को कम से कम 300 करोड़ रूपये का फायदा होगा।
केके पाठक ने अपने पत्र में कहा है कि पिछले 1 जुलाई 2023 से लगातार सरकारी स्कूलों की मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके तहत विद्यालयों का लगातार निरीक्षण हो रहा है. जुलाई, 2023 से अब तक 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों की संख्या लगातार कम हो रही है।
इस पत्र में लिखा है कि अभी भी लगभग 10 प्रतिशत स्कूल ऐसे हैं, जहां छात्र उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम है और यह चिन्ताजनक है. केके पाठक ने कहा है कि अब वक्त आ गया है कि एक-एक विद्यालय में RDD , DEO और DPO को खुद हस्तक्षेप करना होगा और हरेक छात्र-छात्रा और उनके अभिभावकों से बात करनी होगी।
केके पाठक ने कहा है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी यानि DEO और DPOs को अपने जिले में 5-5 विद्यालयों को गोद लेना चाहिये. जिस DPO के कार्यक्षेत्र में ऐसा कोई विद्यालय नहीं है, जहां छात्र उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम है तो उसे कार्यक्षेत्र के बाहर का भी विद्यालय दिया जाए. जिन स्कूलों को इन पदाधिकारियों ने गोद लिया है वे वहां हर रोज जायें. हरेक छात्र और उनके अभिभावकों से बात की जाए. जो छात्र तीन दिन लगातार अनुपस्थित हैं, उसे प्रधानाध्यापक नोटिस दें. 15 दिन लगातार अनुपस्थित रहने पर छात्र का नामांकन रद्द किया जाए।