राष्ट्रीय जनता दल में लालू परिवार का वर्चस्व है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव है, जबकि तेजस्वी यादव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं. मां राबड़ी देवी विधान परिषद में नेता विरोधी दल हैं, पुत्र तेज प्रताप यादव विधायक हैं तो बड़ी बेटी मीसा भारती संसद पहुंच चुकी हैं. वहीं, एक और बेटी रोहिणी आचार्य को लोकसभा चुनाव में शिकस्त मिली है. कुल मिलाकर लालू परिवार से 6 सदस्य पार्टी के अलग-अलग पदों पर हैं।
जगदानंद सिंह का बढ़ा वर्चस्व: लालू परिवार के बाद राष्ट्रीय जनता दल में एक और परिवार मजबूती से उभर रहा है. जगदानंद सिंह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष है, उनके एक बेटे सुधाकर सिंह सांसद बन चुके हैं. बिहार सरकार में सुधाकर सिंह कृषि मंत्री भी रह चुके है. सुधाकर सिंह रामगढ़ से विधायक थे और अब उनकी जगह पर जगदानंद सिंह के एक और बेटे अजीत सिंह विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. जगदानंद सिंह के एक और बेटे पुनीत सिंह विधान परिषद चुनाव लड़ चुके हैं. कुल मिलाकर जगदानंद सिंह के परिवार के चार सदस्य राष्ट्रीय जनता दल के अलग-अलग पदों पर काबिज हैं।
लालू परिवार के लिए खतरे की घंटी: इस पर भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि यह अब लालू परिवार के लिए खतरे की घंटी है. अब पार्टी पर लालू परिवार का कब्जा नहीं रहने वाला है. एक और परिवार डाल पर आधिपत्य जमाने के लिए तैयार है, जगदानंद सिंह का परिवार मजबूती के साथ कदम बढ़ा रहा है।
सभी को तैयारी करने का अधिकार: वहीं, राष्ट्रीय जनता दल प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि हर व्यक्ति को चुनाव के लिए तैयारी करने का अधिकार है. अजीत सिंह भी तैयारी कर रहे हैं. इसमें कोई बुराई नहीं है. जहां तक टिकट का सवाल है तो इस पर अंतिम फैसला लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को करना है. जो कोई भी उम्मीदवार हो चुनाव राष्ट्रीय जनता दल ही चुनाव जीतेगी।
“राष्ट्रीय जनता दल के लिए परिवारवाद कोई विषय नहीं है. पहले लालू परिवार का कब्जा था लेकिन अब राष्ट्रीय जनता दल पर एक और परिवार का कब्जा होने जा रहा है. जगदानंद सिंह का परिवार मजबूती से अपनी पैठ बना रहा है. अगर उनके बेटे अजीत रामगढ़ से चुनाव जीत जाते हैं तो यह परिवार भी राष्ट्रीय जनता दल में मजबूती से उतरेगी.” – अरुण पांडे, राजनीतिक विश्लेषक