उनका नाम अपूर्वा दुबे है और वह 2013 बैच की आईएएस अधिकारी है. यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर दिया गया था. अपूर्व मूल रूप से देवरिया की रहने वाली है और अपनी कार्य शैली के जरिये अलग मुकाम बना चुकी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार उनकी तारीफ कर चुके हैं. अपूर्व उत्तर प्रदेश की उन्नाव-फतेहपुर सहित कई जिलों में DM रह चुकी है. यूपीएससी परीक्षा में उन्हें ऑल इंडिया रैंक 19 प्राप्त हुए थे. वहीं अगर महिलाओं की बात करें तो अपूर्वा को नाइन रैंक प्राप्त हुए थे।
अपूर्व कहती हैं कि मेरे पिताजी का नाम डॉक्टर संजय दुबे है और वह प्रसार भारती में अतिरिक्त महानिदेशक पद पर नौकरी करती थी वही मेरे दादाजी का नाम डॉक्टर के एन दुबे है। वे लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी में प्रोफेसर थे. मैंने अरुणाचल प्रदेश के इटानगर में स्थित स्कूल विवेकानंद केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई की है और दिल्ली यूनिवर्सिटी के वेंकटेश्वर कॉलेज से ग्रेजुएट किया है. मैंने वकालत की परीक्षा अर्थात एलएलबी की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से की है।
अपूर्व कहती है कि मेरे पति भी एक आईएएस अधिकारी हैं और उनका नाम विशाख जी अय्यर है. वह मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं और दोनों ने धार्मिक रीति रिवाज से शादी की है।
बताया जाता है कि पति-पत्नी की यह जोड़ी सीएम योगी के सबसे विश्वसनीय अफसरों में से एक हैं. बीते दिनों अपूर्वा दुबे एक पत्र के चलते पूरे देश में सुर्खियों में थीं. फतेहपुर में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के पद पर तैनात एसके तिवारी द्वारा अपने अधीनस्थ डॉक्टरों को जारी किया गया पत्र वायरल हो गया है. इसमें यह बताया गया है कि जिलाधिकारी फतेहपुर की गाय के लिए प्रतिदिन एक-एक डॉक्टरों की नियुक्ति देखभाल की जाती रहेगी।