बिहार के विकास के लिहाज से शनिवार का दिन मील का पत्थर साबित हुआ। बिहटा में बहुप्रतीक्षित एयरपोर्ट के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने इस परियोजना के लिए एक रूसी कंपनी को वर्क ऑर्डर जारी कर दिया है। यह कार्य 459.99 करोड़ रुपये की लागत से इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (EPC) मोड में पूरा किया जाएगा। यह कंपनी टर्मिनल भवन ही नहीं आईटी सिस्टम भी बनाएगी.
इस परियोजना के तहत बिहटा में नया एकीकृत टर्मिनल भवन, यूटिलिटी बिल्डिंग,एलिवेटेड रोड,इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कार्य, एयरपोर्ट सिस्टम,आईटी सिस्टम, सुरक्षा प्रणाली सहित व्यापक रखरखाव और संचालन कार्य होगा. वर्क आर्डर जारी करने के साथ ही परियोजना की निविदा प्रक्रियापूरी हो चुकी है। तकनीकी बोली 21 नवंबर 2024 को और वित्तीय बोली 20 दिसंबर 2024 को CPP पोर्टल के माध्यम से खोली गई थी। इसके बाद एएआई ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।
30 प्रतिशत कम लागत में बनेगा एयरपोर्ट
एयरपोर्ट निर्माण की कुल लागत 459.99 करोड़ रुपये है, जो कि अनुमानित लागत 665.85 करोड़ रुपये से 30.92% कम है। इसमें 438 करोड़ रुपये पूंजी निर्माण पर और 21.99 करोड़ रुपये संचालन एवं रखरखाव पर खर्च किए जाएंगे। एएआई ने कंपनी को दस दिनों के भीतर कम से कम तीन डिजाइन कंसल्टेंट के प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इन प्रस्तावों का तकनीकी मूल्यांकन करने के बाद, अंतिम कंसल्टेंट का चयन किया जाएगा।
बिहटा एयरपोर्ट का महत्व
बिहटा एयरपोर्ट का निर्माण पटना हवाईअड्डे पर बढ़ते यात्री दबाव को कम करने के लिए किया जा रहा है। इस नए टर्मिनल के बनने से पटना और आसपास के क्षेत्रों में हवाई कनेक्टिविटी को मजबूती मिलेगी, जिससे बिहार की आर्थिक और औद्योगिक प्रगति को नया आयाम मिलेगा। हवाई अड्डे पर एक समय में 3,000 यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी और विमानों के लिए 10 पार्किंग-वे बनाए जाएंगे, ताकि A-321, B-737-800, A-320 किस्म के विमानों की पार्किंग हो सके। रनवे की लंबाई 3700 मीटर तक बढ़ाने की योजना है। अनुमान है कि 2027 के अंत तक निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।