बीते दिन राजधानी दिल्ली में अपने और अपने पिता के साथ हुई बदसलूकी की कहानी बयां करते हुए अभिनेत्री से नेत्री बनीं बिग बॉस फेम अर्चना गौतम की आंखों से आंसुओं की गंगा-जमुना बह निकली। उन्होंने कहा, ‘ऑन रोड रेप था वो’। रविवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अर्चना ने अपने साथ हुई उस भयावह घटना के बारे में खुलकर जानकारी दी कि किस तरह उन्हें और उनके पिता को जान से मार देने की कोशिश की गई और आखिर क्यों उन्होंने इसघटना की शिकायत दिल्ली में नहीं की। अर्चना ने इस हमले के लिए कॉन्ग्रेस नेता राहुल गांधी के निजी सहायक (PA) संदीप सिंह को जिम्मेदार ठहराया है।
- शुक्रवार को दिल्ली में कॉन्ग्रेस मुख्यालय के बाहर हुइर्द धक्का-मुक्की को लेकर रविवार को मुंबई में की पूर्व कॉन्ग्रेस नेत्री अर्चना गौतम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस
बता दें कि अभिनेत्री अर्चना गौतम ने 2021 में राजनीति में एंट्री की थी। 2022 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अर्चना को कॉन्ग्रेस ने हस्तिनापुर उम्मीदवार बनाया और बड़ी बात यह है कि प्रियंका गांधी वाड्रा की तरफ से प्रचार किए जाने के बावजूद अर्चना सिर्फ 1519 वोट ही हासिल कर पाई थी। इसके बाद उन पर पार्टी का अनुशासन तोड़ने के गंभीर आरोप लगे और इस संबंध में 31 मई को एक सप्ताह का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जवाब नहीं देने पर 8 जून को पार्टी के अनुशासन समिति सदस्य श्याम किशोर शुक्ला की तरफ से उन्हें पार्टी से निष्कासित किए जाने संबंधी पत्र जारी कर दिया गया। शुक्रवार को उस वक्त फिर से यह पत्र सोशल मीडिया पर छा गया, जब पिता के साथ दिल्ली में पार्टी के कार्यालय पहुंची अर्चना गौतम के साथ वहां धक्का-मुक्की की घटना हो गई। पार्टी कार्यालय के बाहर इस बदसलूक के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।रविवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अर्चना गौतम ने बताया कि शुक्रवार को जब वह महिला आरक्षण अधिनियम पर पार्टी के सदस्यों को बधाई देने के लिए कॉन्ग्रेस मुख्यालय गईं थीं तो तो उन्हें न सिर्फ कार्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया गया, बल्कि पार्टी की कुछ महिलाओं दुर्व्यवहार भी किया।
अर्चना ने कहा, ‘मैं शूटिंग के लिए आगरा गई थी, जिस दौरान दिल्ली में रुकने का फैसला किया और जब लगभग एक साल बाद कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को महिला आरक्षण अधिनियम की बधाई देने के बहाने पार्टी मुख्यालय जाने की सोची तो जैसे ही पिता और ड्राइवर के सज्ञथ हाथों में गुलदस्ता लिए वहां पहुंची, गेट पर ताला लगा मिला। पता चला कि यह मेरे लिए ही लगाया गया था। इसके बाद मैंने फोन करके पूछने की कोशिश की कि मामला क्या है तो अचानक कॉन्ग्रेस कमेटी की कुछ महिलाएं मेरी ओर दौड़ती हुई आईं। मैं उनके नाम जानती हूं, लेकिन मैं उनका उल्लेख नहीं करूंगी। बात करने का एक तरीका होता है…। वो गुस्से में मुझ पर चिल्लाने लगी। मैंने अपने जीवन में कभी नहीं सोचा था कि मेरे साथ ऐसा कुछ भी होगा। उन्होंने मेरे पिता को मारा, मेरे भी बाल खींचे और मुझे धक्का दिया। जब मैं वहां से निकलने की कोशिश कर रही थी तो उन्होंने मेरा रास्ता रोक लिया। कार में भी नहीं बैठने दिया। मैंने वहां मौजूद सामान्य लोगों से मदद मांगी। मैं गिड़गिड़ा रही थी कि मुझे अपनी कार में बिठा लें और इस भीड़ से बच जाएं, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। जब मैं एक होटल पहुंची और मदद मांगी तो उन्होंने गेट बंद कर दिया। मैं नहीं जानती कि आखिर क्यों मुझ पर और मेरे पिता पर जानलेवा हमला कर दिया गया। बड़ी मुश्किल से हम वहां से अपनी जान बचाकर भागे’।
पूर्व कॉन्ग्रेस नेत्री अर्चना गौतम ने कहा, ‘मैं इसके पीछे के व्यक्ति को जानती हूं, लेकिन मुझे समझ नहीं आता कि ऐसा क्यों है। मेरे पिता मधुमेह के रोगी हैं, उन्हें लात मारी गई…सरेआम मेरे बाल नोचे गए, मुझे बुरी तरह धक्का दिया गया। एक आदमी आया और मेरे कान में चिल्लाने लगा, आप प्लीज यहां से चले जाइए नहीं तो और पब्लिक आ रही है और वो कुछ भी कर सकती है। मेरा मतलब है कि वो क्या करने की कोशिश कर रहे थे? क्या वे मुझे सार्वजनिक रूप से मारने की कोशिश कर रहे थे?’
संदीप सिंह के लिए बोलीं-मेरे पीछे पड़ा रहा है हमेशा
अर्चना गौतम ने आपबीती बताते हुए इस हमले को ‘ऑन रोड रेप’ कहा है और साथ ही इसके लिए राहलु गांधी के निजी सहायक (PA) संदीप सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। अर्चना ने कहा कि अगर उन्हें कुछ भी हुआ तो उसके लिए सिर्फ और सिर्फ संदीप ही जिम्मेदार होंगे। अर्चना ने कहा, ‘ठाकुर संदीप सिंह को हमेशा से ही मुझसे और मेरी जाति से परेशानी रही है। वह हमेशा मेरे पीछे पड़ा रहता है और पिछले दिनों रायपुर में भी उसने मेरे साथ अभद्र व्यवहार किया था’।
बताई दिल्ली में एफआईआर दर्ज नहीं कराने की वजह
इतना ही नहीं, आज इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अर्चना ने इस हमले को लेकर दिल्ली में शिकायत नहीं कराने की वजह पर भी बात की। मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए अर्चना गौतम ने बताया, ‘मैंने दिल्ली के तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने की कोशिश की, लेकिन मुझसे कहा गया कि अगर मैं शिकायत दर्ज कराऊंगी तो मुझे तीन दिन तक वहां रहकर पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने होंगे। मैंने दिल्ली में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई, क्योंकि मैं वहां सुरक्षित महसूस नहीं कर रही थी’।