प्रेग्नेंसी में हर महिला को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। और इस समय में हर महिला को अलग-अलग अनुबगाव होता है, पर यदि आप एक वर्किंग महिला है तो आपको बहुत से चैलेंजेस का सामना करना पड़ सकता है लेकिन इसका सामना हर किसी को भी करना पड़ता है इन्हे आप नजरअंदाज भी नहीं कर सकते है अगर आप इसे नजर अंदाज करते है तो आपके बच्चो को भी प्रभावित कर सकता है।
डिलीवरी के बाद तो मैटरनिटी लीव का ऑप्शन होता है, लेकिन डिलीवरी से पहले ऐसी कोई सुविधा न होने की वजह से महिलाएं कई बार 9वें महीने तक भी ऑफिस जाती हैं। अगर आप भी हैं वर्किंग और प्रेग्नेंट, तो कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा। जान लें यहां इनके बारे में।
अगर आप ड्राइव करके ऑफिस जाती हैं, तो पहले और दूसरे ट्राइमेस्टर में तो चल जाएगा, लेकिन तीसरे ट्राइमेस्टर में कई तरह की असुविधाएं हो सकती हैं। साथ ही अकेले ट्रैवल करना सही भी नहीं होता, ऐसे में बेहतर होगा कि ड्राइवर रख लें या घर के किसी सदस्य को ऑफिस छोड़ने और ले जाने की जिम्मेदारी सौंपे।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट से अप एंड डाउन करती हैं, तो बहुत भीड़भाड़ ट्रांसपोर्ट से बचें, जिससे धक्कामुक्की ना फेस करना पड़े। अगर आपके घर और ऑफिस की दूरी बहुत लंबी है, तो चाय-कॉफी पीने से बचें क्योंकि इससे टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस होगी और रास्ते में कोई ऑप्शन नहीं मिला, तो टॉयलेट को रोकना पड़ेगा, जो सही नहीं है।
ऑफिस में उल्टी, मतली जैसा फील हो रहा है, तो इसके लिए अदरक, नींबू अपने पास रखें। सीट पर लंबे समय तक न बैठी रहें। थोड़ी-थोड़ी देर में सीट से उठकर चहलकदमी करती रहें। इससे पीठ, कमर दर्द दूर रहेगा और पैरों में ब्लड का सर्कुलेशन भी सही रहेगा। अपने पास फल, नट्स और हेल्दी चीजें के ऑप्शन जरूर रखें।
न करें ये काम
खाली पेट ऑफिस न जाएं, इससे कमजोरी आ सकती है, साथ ही बच्चे के लिए भी सही नहीं होता। प्रेगनेंसी के थर्ड ट्राइमेस्टर में कंफर्टेबल चेयर पर बैठें, जिसमें गिरने का खतरा कम हो। साथ ही पैर लटका कर ज्यादा देर न बैठें। पैरों को सपोर्ट देने के लिए कुर्सी के नीच स्टूल रखें, जिससे पैरों में सूजन की परेशानी न हो। समय की कमी की वजह से डॉक्टर के पास जाना मिस न करें। ऑफिस में अगर उल्टी, चक्कर, पेट दर्द जैसा फील हो, तो हेल्प लेने मे कतराएं ना।