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अवैध सॉफ्टवेयर जरिये सेकेंडों में रेलवे टिकट बुक करने का इंतजाम, 975 फर्जी आईडी के साथ दलाल गिरफ्तार

ByRajkumar Raju

जून 30, 2024
Railway Ticket Black Market jpg

रेलवे टिकटों की हमेशा ही मारामारी रहती है. यही वजह है कि दलाल कंफर्म टिकट पाने को खूब जोड़-तोड़ करते हैं और किसी न किसी तरह से टिकटें अवैध तरीके से हासिल कर लेते हैं. आम यात्री टिकट नहीं ले पाता और मजबूरीवश उसे दलालों से महंगे दाम पर टिकट लेनी पड़ती है.

दलाल रेलवे टिकट हासिल करने को कितने एडवांस हो चुके हैं, इसकी बानगी गुजरात के सूरत में देखने को मिली है. शहर के पॉश इलाके में चल एक दलाल के ऑफिस पर रेलवे सतर्कता विभाग ने जब छापा मारा तो अधिकारी वहां मौजूद सेटअप को देखकर हैरान रह गए. रेलवे टिकटों की तुरंत बुकिंग के लिए दलाल ने हर वो इंतजाम कर रखा था, जो जरूरी है.

रेलवे सतर्कता विभाग ने राजेश मित्‍तल नामक दलाल के साथ कई और लोगों को पकड़ा है. राजेश ने सूरत के पॉश इलाके सिटी लाइट में अपना ऑफिस बनाया हुआ है. यह दलाल अवैध सॉफ्टवेयर से आईआरसीटीसी के सिस्‍टम में सेंध लगा तथा 975 आईआरसीटीसी आईडीज के सहारे अब तक 4.50 करोड़ रुपये मूल्‍य की टिकट बुक करके बेच चुका था. बताया जा रहा है कि एक पीएनआर पर यह दलाल 700 रुपये तक एक्‍सट्रा वसूलता था. जिस समय इसके ऑफिस पर छापा पड़ा उस समय तत्‍काल टिकट बुकिंग शुरू ही हुई थी.

अवैध सॉफ्टवेयर से लगाई आईआरसीटीसी सिस्‍टम में सेंध

टिकटों की बुकिंग के लिए राजेश ने हाईटेक सिस्‍टम स्‍थापित कर रखा था. उसके ऑफिस में हाईस्‍पीड इंटरनेट के पांच कनेक्‍शन थे. इनकी स्‍पीड 150 Mbps है. इंटरनेट स्‍पीड में कोई फ्लूक्‍चुएशन न हों, इसके लिए अलग-अलग राउटर थे और सभी कनेक्‍शन के आईपी एड्रेस भी अलग-अलग थे.

आईआरसीटीसी की थर्ड पार्टी पेमेंट गेटवे के सिक्युरिटी फायरवॉल को हैक करने के लिए राजेश ने दो सॉफ्टवेयर का इस्‍तेमाल कर रहा था. इन अवैध सॉफ्टवेयर के ज़रिए आईआरसीटीसी वेबसाइट के थर्ड पार्टी पेमेंट गेटवे सिक्युरिटी प्रॉटक्शन फ़ायरवॉल को गच्‍चा देकर सिर्फ एक क्लिक पर टिकट बुक हो जाती है. पिछले एक महीने में ही इन अवैध सॉफ्टवेयर की मदद से करीब 600 टिकट बुक की गई.

ऐसे चला पता

पश्चिमी रेलवे को कई दिनों से दलालों द्वारा अवैध रूप से टिकट बुक कर महंगे दामों पर बेचने की सूचना यात्रियों से ही मिली थी. चेकिंग के दौरान कई ऐसे मामले सामने आए जहां यात्री यह नहीं बता पाए कि टिकट कहां से और कैसे बुक किए गए थे. इसके बाद रेलवे सतर्कता विभाग ने जांच शुरू की. छोटे दलालों के जरिए जानकारी जुटाई गई. इस पूरे नेटवर्क के किंगपिन को पकड़ने के लिए पहले पुख्‍ता जानकारी जुटाई गई और फिर राजेश मित्‍तल के ऑफिस पर छापा मारा गया.