कारगिल शहीद विशुनी राय की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते ही फफक पड़ीं उनकी पत्नी, आंसू पोंछकर बोलीं- ‘शहादत पर गर्व’
आज कारगिल शहीद विजय दिवस है. 25 साल पहले आज के ही दिन भारत के बहादुर सैनिकों ने ऊंचाई पर धोखे से छिपे दुश्मनों को परास्त कर सबसे ऊंची चोटी पर न सिर्फ दोबारा पोजीशन ली बल्कि वहां तिरंगा लहराकर दिखा दिया कि इस वतन पर बुरी नजर रखने वाले दुश्मनों को भारतीय सेना मुंहतोड़ जवाब देना भी जानती है. 527 जवानों ने अपने अदम्य साहस और बलिदान देकर कारगिल जैसे मुश्किल इलाके में फतह हासिल की. इन्हीं शहीदों में से एक थे छपरा के विशुनी राय।
विजय दिवस का जश्न : विजय दिवस पर कारगिल के शहीदों की याद में विशुनी राय के पैतृक गांव मकेर के राजेंद्र विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इस अवसर स्थानीय बुद्धिजीवी, समाजसेवी और वरीय नागरिकों, थाना प्रभारी मकेर के साथ शहीद विशुनी राय के परिजन भी इस अवसर पर उपस्थित थे. वीर शहीद विशुनी राय की प्रतिमा पर लोगों ने माल्यार्पण भी किया।
छलक आईं शहीद की पत्नी की आंखें : सबसे संवेदनशील पल वो क्षण था जब शहीद की पत्नी सुशील देवी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने आईं. इस दौरान वो अपने आंसुओं को नहीं रोक पाईं. छलकती आंखों से आंसू पोंछते हुए है. एक वीर की पत्नी की तरह उन्होंने खुद को संभालकर कहा कि-‘हमें खुशी है कि मेरे पति देश के लिए अपने प्राणों को न्योछावर किए हैं.’
‘जो भी वादे किए वो पूरा करे सरकार’ : शहीद विशुनी राय के पुत्र ने भी इस दौरान अपने पिता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. विशुनी राय के पुत्र रवीश ने कहा कि ”आज तक जो भी वादा और घोषणा किया गया था, उसको पूरा नहीं किया गया है. इससे स्थानीय लोगों में बहुत ही रोष है. उन्होंने कहा की सरकार ने जो भी घोषणा की है, उसे जल्द से जल्द पूरा किया जाय.”
विजय दिवस पर कारगिल शहीद को श्रद्धांजलि : 1999 के कारगिल युद्ध में सारण के मकेर के बथुई निवासी विशुनी राय सारण जिले के एक मात्र शहीद सैनिक हैं. इस युद्ध में 527 सैनिक शहीद हुए थे, जिसमें विशुनी राय 13 जून 1999 को वीरगति प्राप्त हुए थे. 13 जुलाई को कारगिल की पहाड़ी पर दोबारा भारतीय सेना ने वापसी कर तिरंगा फहराया था. इस उपलक्ष में विजय दिवस मनाया जाता है।
करगिल के द्रास सेक्टर में पहुंचे थे मोदी : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज द्रास सेक्टर में कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान वहां शहीदों के परिजनों को बुलाया गया था, लेकिन शहीद विशुनी राय के परिजनों को निमंत्रण नहीं था. विशुनी राय के बेटे ने इसपर नाराजगी भी जताई और मांग करते हुए कहा कि जब भी कोई कार्यक्रम हो तो उसमें उन्हें जरूर बुलाया जाये. सारण में हुए आज के कार्यक्रम में शिक्षा विद अंबिका राय, शिक्षा विद रामदयाल शर्मा, मेकर थाना प्रभारी, बिंदु राय, प्रखण्ड प्रमुख अभिषेक,राजेंद विधा मंदिर के प्राचार्य और स्कूली बच्चे भी उपस्थित थे।
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