नेपाल के कोसी बराज से बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद बिहार के कटिहार जिले के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. कटिहार के कुसरेला के पास, जहां गंगा और कोसी नदियों का संगम होता है, वहां के लोग पिछले कुछ दिनों से बाढ़ के डर से परेशान हैं.
गंगा और कोसी के संगम से महज 500 मीटर की दूरी पर पानी का स्तर तेजी से बढ़ता देखा गया. ग्रामीणों ने बताया कि सुबह से पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, और यह स्थिति अगले 48 घंटों में और खराब हो सकती है.
ग्रामीणों के अनुसार, जब गंगा और कोसी दोनों का जलस्तर एक साथ बढ़ता है, तो कटिहार जिले के लगभग 2 लाख लोग प्रभावित होते हैं. हालांकि, यदि केवल कोसी का जलस्तर बढ़ता है, तो उतनी गंभीर समस्या नहीं होती. इस बार दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ने से स्थिति और भी खराब हो गई है.
7 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद निचले इलाकों में फिर से पानी भरना शुरू हो गया है. लोगों ने कहा कि इससे पहले भी 55 साल पहले ऐसा ही भयावह दृश्य देखा गया था.
ग्रामीणों का कहना है कि बांध पर शरण लेने के बावजूद, बांध की स्थिति भी ठीक नहीं है. यदि जलस्तर में और वृद्धि हुई, तो बांध टूट सकता है, जिससे कटिहार जिले के 16 पंचायतों में भारी तबाही मच सकती है. प्रशासन ने ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी है, लेकिन जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे लोग चिंतित हैं कि बाढ़ का पानी फिर से उनके घरों में प्रवेश करेगा.