नीतीश कुमार के जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी संगठन में कई नेताओं के कद बदल गए हैं. सीएम नीतीश अपनी पार्टी को एक बार फिर से नए रूप में देखना चाहते हैं. विशेषकर लोकसभा चुनाव में जदयू को इंडिया के घटक दलों के बीच सर्वाधिक लोकसभा की सीटें बिहार में दिलाना चाहता हैं, तो दूसरी ओर नए चेहरों के सहारे पार्टी की गतिविधि को आगे बढ़ाने में लगे हैं. ऐसे में सीएम नीतीश ने अब जदयू में लम्बे अरसे से चेहरे बने नेताओं की जगह युवा छवि वाले नेताओं को पार्टी की जिम्मेदारियों कोआगे बढ़ाने का संकेत दिया है.
दरअसल, नीतीश कुमार दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं. एक ओर वे बिहार के मुख्यमंत्री जैसे अहम पद पर हैं, तो दूसरी ओर उन्हें जदयू का अध्यक्ष पद भी देखना हैं. ऐसे में जदयू के संगठन को मजबूत करने, लोकसभा चुनाव में बिहार में कम से कम 18 सीटों पर चुनाव लड़ने सहित इंडिया के घटक दलों से बेहतर तालमेल बनाने के लिए सीएम नीतीश ने इन दिनों एक खास नेता को अहम जिम्मेदारी देते दिख रहे हैं. नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल संजय कुमार झा ऐसे नेता के तौर पर उभरें जो इन दिनों नीतीश कुमार के लिए उनके खास या कहा जाए तो ‘नाक के बाल’ बने दिख रहे हैं.
युवा नेताओं पर नई जिम्मेदारी
जदयू सूत्रों का कहना है कि ललन के जदयू अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद नीतीश कुमार पार्टी की गतिविधियों को युवा नेताओं से संचालित करने की इच्छा रखते हैं. मौजूदा समय में जदयू में जो वरिष्ठ नेता हैं उनमें सीएम नीतीश सहित बिजेंद्र प्रसाद यादव, रामनाथ ठाकुर जैसे 70 वर्ष के पार नेता हैं. वहीँ ललन सिंह और विजय चौधरी भी 65 पार के हैं. ऐसे में 56-57 साल की आयु वाले संजय झा और अशोक चौधरी इन दिनों ऐसा नेता बनकर पार्टी में उभरे हैं जो नीतीश कुमार के लिए युवा और अनुभवी नेता के तौर पर हैं.
नीतीश के सपने को करेंगे साकार
नीतीश मंत्रिमंडल में तीन बार मंत्री न चुके संजय झा इन दिनों इंडिया से जदयू के लिए बिहार में लोकसभा सीटों की मांग को भी अंतिम रूप देते दिख रहे हैं. पिछले दिनों भी जदयू की ओर से संजय झा ने ही दावे से कहा कि हम लोकसभा की जिन 16 सीटों पर जीते हैं, उसे नहीं छोड़ेंगे. माना जा रहा है कि उन्होंने मीडिया के सामने पार्टी का यह दावा नीतीश कुमार की रणनीतियों के तहत ही किया. इतना ही नहीं सीएम नीतीश कुमार के साथ पिछले वर्षों में जिस नेता की तेजी से नजदीकी बढ़ी उसमें संजय झा सबसे नए रहे.
पार्टी सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार के सबसे विश्वासी नेताओं में संजय झा का कद सबसे ऊपर है. ऐसे में आने वाले दिनों में लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी की गतिविधियों को आगे बढ़ाने में झा अहम भूमिका निभाते दिख सकते हैं.