सियासी संकट के बीच हेमंत सरकार के लिए बुधवार का दिन खास होने वाला है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर शाम 4.30 बजे सत्तारूढ़ दलों के विधायकों की बैठक बुलाई गई है. इधर, सियासी गलियारे में हेमंत सोरेन के स्थान पर मुख्यमंत्री का नया चेहरा कल्पना सोरेन का नाम उछलने के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
सबसे ज्यादा बेचैनी सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के बीच देखी जा रही है. उन्हें चिंता इस बात की सताने लगी है कि नेता बदलते ही कहीं उनका पत्ता मंत्रिमंडल से ना कट जाए. हालांकि ये सब कुछ कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर ही तय होगा. लेकिन जो चर्चा चल रही है उसमें यह संभावना जताई जा रही है कि अगर ऐसी परिस्थिति आती है तो नये मंत्रिमंडल में कांग्रेस कोटे के तीन नए चेहरे को शामिल किया जा सकता है।
कांग्रेस में हलचल तेज, खुलकर नहीं बोल पा रहे हैं बड़े नेता:लीज आवंटन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी पर आए संकट से उबरने का प्रयास किए जा रहे हैं. मंगलवार को भी सीएम आवास पर देर शाम तक हलचल बनी रही. इन सबके बीच सबसे ज्यादा कांग्रेस के अंदर बेचैनी दिखी. हालांकि बड़े नेता इस पर खुलकर बोलने से परहेज करते दिखे. वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव और कृषि मंत्री बादल भी ईटीवी भारत के सवालों का सीधा जवाब देने से कतराते दिखे. हालांकि मंत्री से लेकर पार्टी के विधायक तक बुधवार के दिन को अहम बताया।
इस संकट के लिए बीजेपी पर जरूर कांग्रेस नेता हमला बोलते रहे. वरिष्ठ नेता फुरकान अंसारी ने तो साफ शब्दों में कहा अगर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी होती है तो बीजेपी के लिए यह सस्ता नहीं पड़ेगा. झारखंड से एक भी कोयला हम नहीं जाने देंगे. हमारा एक लाख 70 करोड़ रॉयल्टी बकाया है, उसे देने के बजाय भाजपा साजिश के तहत संवैधानिक संस्था का इस्तेमाल कर परेशान करने में लगी है. इसी तरह विधायक अंबा प्रसाद भी बोलती नजर आई. उन्होंने कहा कि परिवर्तन अगर होता है तो वह भी राज्य की बेहतरी के लिए ही होगा. बहरहाल सियासी चर्चाओं के बीच बुधवार का दिन एक बार फिर गहमागहमी से भरा रहेगा और सबकी नजर मुख्यमंत्री आवास पर होगी जहां देखने होगा कि क्या फैसले लिए जाते हैं।