मणिपुर मामले पर भड़के आशुतोष राणा, कहा… ‘जब स्त्री का शोषण हुआ है, मानव जाति को चुकानी पड़ी है कीमत’

ashutosh rana

मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करवाने वाली वायरल वीडियो ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। महिलाओं के साथ हुई इस घटना से पूरा देश गुस्से में हैं। हर कोई सरकार से ये दरख्वास्त कर रहा है कि अपराधियों को इस मामले में कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।

बॉलीवुड सितारे भी मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए इस हादसे के बाद आक्रोश में हैं। ऋचा चड्ढा से लेकर उर्मिला मातोंडकर और रेणुका शहाणे जैसे कई सितारों ने महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी पर अपना गुस्सा व्यकत किया। अब इन सबके बाद अब एक्टर आशुतोष राणा ने स्त्री का शोषण करने वालों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है।

मणिपुर में महिलाओं का शोषण करने पर भड़के आशुतोष राणा

मणिपुर की दो महिलाओं के साथ हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद आशुतोष राणा गुस्सा व्यक्त करने से खुद को नहीं रोक पाए। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर सिर्फ स्त्रियों के शोषण की कीमत चुकाने की बात ही नहीं कही, बल्कि सरकार और मीडिया से गुजारिश की कि अब वह साथ आकर राष्ट्र कल्याण के बारे में सोचें।

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “इतिहास साक्षी है जब भी किसी आतातायी ने स्त्री का हरण किया है या चीरहरण किया है उसकी कीमत संपूर्ण मनुष्य जाति को चुकानी पड़ी है। जैसे सत्य, तप, पवित्रता और दान ‘धर्म’ के चार चरण होते हैं वैसे ही ‘लोकतंत्र’ के भी विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका व पत्रकारिता रूपी चार चरण होते हैं”।

स्त्री पर किया गया अत्याचार मानवता पर कलंक है- आशुतोष राणा

अपने इस ट्वीट में आशुतोष राणा ने महिलाओं के साथ हुए हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए लिखा, “लोकतंत्र के इन चारों स्तंभों को एक दूसरे के साथ लय से लय मिलाकर चलना होगा तभी वे लोक को अमानुषिक कृत्यों के प्रलय के ताप से मुक्त कर पाएंगे।

अब समय आ गया है जब सभी राजनीतिक दलों और राजनेताओं को, मीडिया हाउसेस व मीडिया कर्मियों को अपने मत-मतान्तरों, एक- दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों को भूलकर राष्ट्र कल्याण, लोक कल्याण के लिए सामूहिक रूप से उद्यम करना होगा क्योंकि ये राष्ट्र सभी का है, सभी दल और दलपति देश और देशवासियों के रक्षण, पोषण, संवर्धन के लिए वचनबद्ध हैं।

हमें स्मरण रखना चाहिए- स्त्री का शोषण, उसके ऊपर किया गया अत्याचार, उसका दमन, उसका अपमान आधी मानवता पर नहीं बल्कि पूरी मानवता पर एक कलंक की तरह है”।

मणिपुर में हुई हिंसा में लोगों ने गंवाई जान

आपको बता दें कि तीन मई से मणिपुर में हिंसा का माहौल बना हुआ है, दो समुदायों के बीच चल रही इस हिंसा के बीच अब तक 160 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और महिलाओं पर हुए इस अत्याचार ने देशभर के लोगों का दिल तोड़ दिया है।

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.