बचपन को इंसान के जीवन का सबसे सुखद दौर कहा जाता है। वहीं अगर इस कच्ची उम्र में बच्चे को जन्म देना पड़े तो ऐसा नहीं रह जाता। भारत के कई राज्यों में लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले कर दी जाती है, और असम इन राज्यों में से एक है। इस प्रथा के खिलाफ असम सरकार द्वारा उठाए जा रहे कड़े कदमों के कारण पूर्वोत्तर राज्य ने राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है।
असम राज्य में बाल विवाह के खिलाफ असम पुलिस एक विशेष अभियान चला रही है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया एक्स (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर ट्वीट कर कहा कि राज्य में असम पुलिस बाल विवाह के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रही है। असम पुलिस ने एक विशेष अभियान में 800 से अधिक आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारियों की संख्या और भी बढ़ने की आशंका है।
इस साल की शुरुआत में अभियान के पहले दौर के दौरान राज्य भर में हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सीएम सरमा ने कहा कि सामाजिक खतरे से संबंधित मामलों में गिरफ्तारियों की संख्या बढ़ने की संभावना है, क्योंकि ऑपरेशन अभी भी जारी है।
इससे पहले 11 सितंबर को हिमंत बिस्व सरमा ने असम विधानसभा को बताया था कि पिछले पांच वर्षों में बाल विवाह से संबंधित मामलों में कुल 3,907 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 3,319 पर यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम, 2012 (POCSO) के तहत मामला चल रहा है।