पटना: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार 12 दिसंबर को ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल को मंजूरी दी. जिसके बाद इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया गया, जहां से इसे जेपीसी में भेज दिया गया. जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद संजय भी जेपीसी के सदस्य हैं. रविवार को उन्होंने मीडिया से बात करते हुए वन नेशन वन इलेक्शन बिल पर अपनी पार्टी की राय रखी.
“हमारे नेता चाहते हैं कि विधानसभा और लोकसभा का चुनाव एक साथ हो लेकिन पंचायत का चुनाव अलग हो. 1967 तक एक साथ चुनाव होते रहे लेकिन उसके बाद कांग्रेस ने राज्यों में 356 लगाना शुरू किया और उसके बाद ही स्थिति गड़बड़ाई है.”- संजय झा, जदयू राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष
जेडीयू का क्या स्टैंड
जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद संजय झा ने कहा कि देश चुनाव के मूड में ही रहता है. लाखों-करोड़ रुपया इस पर खर्च होता है. आचार संहिता लगने के कारण विकास के कार्य ठप हो जाते हैं. इसलिए 5 साल पर चुनाव हो, जिससे विकास कार्य पर कोई असर नहीं पड़े. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी और नेता का साफ मनना है कि पंचायत का चुनाव अलग हो. वन नेशन वन इलेक्शन के लिए बनी जेपीसी में बिहार से संजय झा के अलावे समस्तीपुर की संसद शांभवी चौधरी भी शामिल है.
क्या है वन नेशन वन इलेक्शन
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने इस वर्ष सितंबर में देशव्यापी आम सहमति बनाने के बाद कुछ सिफारिशें की थीं. वन नेशन, वन इलेक्शन का उद्देश्य देश में सभी चुनाव एक साथ कराना है. समिति के मुताबिक अलग-अलग चुनाव कराने से अर्थव्यवस्था, राजनीति और समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. आर्थिक बोझ को कम करने के लिए एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की.