संजीव हंस और उनके करीबियों की 23.72 करोड़ की संपत्ति जब्त
पटना। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पटना टीम ने मनी लांड्रिंग के मामले में आईएएस अधिकारी संजीव हंस और उनसे जुड़े अन्य लोगों की सात अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त किया है। जब्त अचल सम्पत्ति की कीमत लगभग 23.72 करोड़ रुपये है।
सोमवार को मिली जानकारी के अनुसार जब्त सम्पत्तियों में नागपुर के तीन भूखंड, दिल्ली स्थित एक एक फ्लैट और जयपुर के तीन फ्लैट शामिल हैं। ईडी के अनुसार आपराधिक गतिविधि के ज़रिए आय से अधिक ये संपत्तियां अर्जित की गई हैं। सम्पत्ति जब्ती की यह कार्रवाई संजीव हंस और उनके सहयोगी प्रवीण चौधरी, पुष्पराज बजाज और उनके परिवार के सदस्यों के विरुद्ध की गई हैं। यह कारवाई पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है।
मालूम हो कि आईएएस अधिकारी संजीव हंस और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर ईडी द्वारा स्वतंत्र रूप से जांच और पूछताछ की कार्रवाई की जा चुकी है। ईडी की टीम ने पिछले दिनों दिल्ली, गुड़गांव, कोलकाता, जयपुर और नागपुर में आईएएस अधिकारी संजीव हंस और अन्य के 13 ठिकानों पर छापे मारे थे। इस दौरान कई दस्तावेज जब्त किये गये थे। ईडी संजीव हंस की पत्नी से पूछताछ कर चुकी है।
ईडी ने करोड़ों रुपए के धनशोधन में सोमवार की देर शाम पटना के पीएमएलए कोर्ट में आईएएस अधिकारी संजीव हंस, पूर्व विधायक गुलाब यादव, पुष्पराज और सदाब और तीन कंपनियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। ईडी ने पांच बक्से में बंद मोबाइल, लैपटॉप, जांच के दौरान एकत्र कागजात और फाइल भी कोर्ट को सौंपा है। अभियुक्तों से पूछताछ, जब्त दस्तावेज और गवाहों के बयान भी सौंपे हैं। पीएमएलए कोर्ट अब सुनवाई की तिथि तय करेगा और आरोपितों को समन भेजेगा। धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत चारों अभियुक्त बेऊर जेल में बंद हैं। ईडी ने हंस को पटना और गुलाब यादव को दिल्ली से 18 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। माना जा रहा है कि ईडी अन्य आरोपितों के खिलाफ जल्द पूरक चार्जशीट भी दायर करेगा।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.