राज्य में माल एवं सेवा कर (GST) कम देने या इसमें गड़बड़ी करने वाले छोटे-बड़े 800 व्यावसायिक प्रतिष्ठान केंद्रीय जीएसटी महकमे के रडार पर हैं। जीएसटी बोर्ड केंद्रीयकृत प्रणाली के आकलन में कर चोरी की आशंका जताई गई है। अभी इन सभी प्रतिष्ठानों की ऑडिट शुरू हो गई है। केंद्रीय जीएसटी बोर्ड ने इन प्रतिष्ठानों की सूची राज्य को भेजी है।
कुछ व्यावसायियों ने जानकारी के अभाव में गलती की है। ऐसे व्यावसायियों को वास्तविक जानकारी देकर उचित टैक्स देने के लिए प्रेरित किया जाएगा। ऑडिट जांच के दौरान जिनके पास से बड़े स्तर पर टैक्स में हेराफेरी या गड़बड़ी पकड़ी जाती है, तो इनके खिलाफ विभाग की तरफ से सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसकी सूची अलग से तैयार की जा रही है।
महकमे में इनकी निरंतर निगरानी भी चल रही है। इन 800 व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में सभी प्रमुख शहरों के अलावा छोटे या सामान्य शहरों के व्यवसायी शामिल बताये जाते हैं। इसमें किराना या खाद्य पदार्थों का व्यापार करने वालों की संख्या अधिक है। इसके अलावा डिपार्टमेंटल स्टोर, सभी तरह के दवा कारोबारी, निजी अस्पताल या नर्सिंग होम चलाने वाले, कपड़ा दुकानदार या व्यापारी, रेस्टोरेंट या मिठाई दुकान संचालक, लोहा एवं लकड़ी कारोबारी, सीमेंट व्यवसायी समेत ऐसे अन्य सभी कारोबारी शामिल हैं।
कोचिंग संस्थानों की संख्या कम कोचिंग संस्थान एवं बिल्डरों की संख्या अपेक्षाकृ कम है। हालांकि कोचिंग संस्थानों व बिल्डरों के स्तर पर अगर गड़बड़ी मिलती है, तो उसका दायरा व्यापक होगा। ऐसे में इनके खिलाफ सीधे कार्रवाई की जाएगी। राज्य के सभी बड़े बिल्डर और कोचिंग वालों की समय-समय पर जांच भी की जाती है।