देश में पिछले 122 साल में सबसे सूखा रहा अगस्त! 32 फीसदी कम हुई बारिश
अगस्त महीने में अब तक 32 फीसदी कम बारिश हुई है और अगले दो दिनों तक भी देश के एक बड़े हिस्से में कम बारिश होने का अनुमान जताया गया है। इसके साथ ही 1901 के बाद से अगस्त महीना सबसे सूखा होने की राह पर है। देश के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिकों ने यह अनुमान जताया है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसी स्थिति स्पष्ट तौर पर अल नीनो के हालात बढ़ने की वजह से है। मानसून ब्रेक और कमजोर मानसून के चलते पूर्वोत्तर और हिमाचल-उत्तराखंड को छोड़कर देशभर में अगस्त महीने में बारिश की कमी रही।
अगस्त में 254.9 मिमी होती है बारिश
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अगस्त में अमूमन 254.9 मिमी बारिश होती है, जो मानसून के मौसम के दौरान होने वाली बारिश का लगभग 30 प्रतिशत है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार भारत में अगस्त 2005 में 25 प्रतिशत, 1965 में 24.6 प्रतिशत; 1920 में 24.4 प्रतिशत; 2009 में 24.1 प्रतिशत और 1913 में 24 प्रतिशत बारिश की कमी दर्ज की गई।
कम बारिश की वजह है अल नीनो
आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि अगस्त में सामान्य से कम बारिश का मुख्य कारण अल नीनो (दक्षिण अमेरिका के निकट प्रशांत महासागर में पानी का गर्म होना) के अलावा ‘मैडेन जूलियन ऑसिलेशन’ (एमजेओ) का प्रतिकूल चरण है। एमजेओ एक समुद्री-वायुमंडलीय घटना है जो दुनियाभर में मौसम की गतिविधियों को प्रभावित करती है। अल नीनो आमतौर पर भारत में कमजोर होती मानसूनी हवाओं और शुष्क मौसम से जुड़ा है।
महापात्र ने कहा, ‘‘एमजेओ के अनुकूल चरण के कारण कम दबाव प्रणाली न होने पर भी बारिश होती है। एमजेओ के अनुकूल चरण के कारण जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी।’’ दक्षिण चीन सागर के ऊपर विकसित होने वाली कम दबाव वाली प्रणालियां आमतौर पर पश्चिम की ओर बढ़ती हैं, वियतनाम और थाईलैंड को पार करने के बाद उत्तरी बंगाल की खाड़ी तक पहुंचती हैं।
सितंबर में होगी मौसम की आखिरी बारिश
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव माधवन राजीवन ने कहा, ‘‘सितंबर के अगस्त जितना खराब रहने की उम्मीद नहीं है।’’ वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा कि अगस्त में भारी बारिश की कमी का मुख्य कारण अल नीनो है। वहीं मानसून का विश्वेषण करने वाले वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 4 सितंबर के बाद करीब 10 दिनों तक इस सीजन की आखिरी बारिश हो सकती है। अनुमानों के मुताबिक देश के पश्चिमी हिस्से से मानसून की विदाई समय से पहले यानी 15 या 16 सितंबर से शुरू हो सकती है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.