औरंगाबाद के रिसियप थाना क्षेत्र के सड़सा गांव निवासी बीएसएफ के जवान मदन सिंह छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए। शहीद होने की खबर मिलते ही पूरे गांव में मातम पसर गया। वही परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। वही ग्रामीण और परिजन अपने लाल के अंतिम दर्शन के लिए बेसब्री से पार्थिव शरीर आने का इंतजार कर रहे है।
बताते चलें की औरंगाबाद के कुटुंबा प्रखंड अंतर्गत रिसियप थाना क्षेत्र के ग्राम सड़सा निवासी मानदेव सिंह के तीसरे पुत्र मदन सिंह उर्फ मंटू सिंह वर्ष 2000 में बीएसएफ जवान के रूप में उनकी बहाली हुई थी। तब से आज तक अमन चैन के साथ खुशियां भरी जिंदगी कट रही थी। लेकिन कुदरत को कुछ और मंजूर था। मदन सिंह इस समय छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला में पोस्टेड थे। भारत सरकार और राज्य सरकार के द्वारा नक्सलियों के खिलाफ चलाई जा रही अभियान के दौरान शाहिद मदन सिंह देश के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहे थे।
इसी दौरान गुरुवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हो गई। जिसमे दोनो तरफ से जोरदार गोली बारी होने लगी। जिसके दौरान कई गोलियां शहीद मदन सिंह के शरीर के भिन्न भिन्न अंगों में लग गई। जिससे शहीद मदन सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जिसकी सूचना विभाग के द्वारा उनके परिजन को दिया गया। खबर सुनते ही पूरे गांव में मातम छा गया,और तब से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है।