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I am satyavrat Singh news reporter of vob from Munger Bihar.

बिहार केसरी स्व डॉ कृष्ण सिंह जी की जयंती के अवसर पर राजकीय समारोह का आयोजन किया गया

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Patna :- बिहार केसरी स्व डॉ कृष्ण सिंह जी की जयंती के अवसर पर राजकीय समारोह का आयोजन पटना में मुख्य सचिवालय के प्रांगण में स्थित डॉ कृष्ण सिंह जी की प्रतिमा स्थल के निकट की गई। इस अवसर पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो जमा खान, बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, विधान पार्षद कुमुद वर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव अरविन्द कुमार, बिहार बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य शिवशंकर निषाद सहित अन्य सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने भी बिहार केसरी स्व डॉ कृष्ण सिंह की आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा आरती पूजन, भजन-कीर्तन, बिहार गीत एवं देशभक्ति गीत का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। भाजपा नेताओं से दोस्ती वाले बयान को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम कुछ बोलते हैं तो आपलोग ध्यान से नहीं सुनते हैं। मोतिहारी के महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण के संबंध में हम बता रहे थे। उस समय की केंद्र सरकार से हमने केंद्रीय विश्वविद्यालय निर्माण के संबंध में कहा था। चंपारण क्षेत्र राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से संबंधित है इसलिए हमने कहा था कि यहीं पर केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण किया जाए। पहले तो आश्वासन मिला लेकिन कुछ वर्ष बीत जाने के बाद कहा गया कि वहां निर्माण नहीं किया जा सकता है और उनलोगों ने गया में केन्द्रीय विश्वविद्यालय बनवाने का प्रस्ताव दिया। हमने गया जैसे पौराणिक स्थल पर बनाने की बात को भी स्वीकार कर लिया, उसके अलावे हमने कहा कि गया के अलावे मोतिहारी में भी केंद्रीय विश्वविद्यालय का निर्माण कराया जाए। मोतिहारी में कार्यक्रम में सारे दलों के लोग बैठे हुए थे तो हमने अपनी बातों को रखा। वर्ष 2005 में जब हमारी सरकार बनी तो हमने चंपारण से ही कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इन्हीं सब बातों की हम चर्चा कर रहे थे और उनलोगों से कह रहे थे कि आप सभी लोग इसे याद रखिएगा न? तो सभी ने ताली बजाकर कहा हां हम याद रखेंगे। बस इतनी सी ही बात है। हमने कहीं ऐसी बात नहीं की है कि हम आपके साथ हैं। जो लोग केवल केंद्र की बात करते रहते हैं उन्हें हम अलर्ट करते रहते हैं कि जो काम बिहार सरकार के द्वारा राज्य में किया गया कार्य को जरुर याद रखिएगा। हम जो बोलते हैं उसको लोग मीडिया में जगह नहीं देते हैं। हमने अपने अधिकारियों से कहा है कि मेरा जो उस दिन भाषण हुआ है उसको भी रिलीज कर दीजिए। आज हम जो भी काम किए हैं किसी के कहने पर नहीं किए हैं, यह मेरी व्यक्तिगत इच्छा थी और वे लोग सहयोग में थे।

भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के बयान से संबंधित पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशील कुमार मोदी जी पहले क्या थे? लालू प्रसाद यादव जी पटना यूनिवर्सिटी के चेयरमैन थे और उनको जेनरल सेक्रेटरी बनाए। उस वक्त हम इंजीनियरिंग कॉलज में पढ़ते थे। उस समय हमारे इंजीनियरिंग कॉलेज का पांच सौ वोट था। उसमें से हमलोगों ने 400 वोट इन्हीं लोगों को दिलवाए थे, तब लोग जीतकर आए। जब हमलोग साथ में थे तब सब काम उनको ठीक लग रहा था। मुझे तकलीफ हुयी थी जब उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया। आजकल वे रोज कुछ कुछ बोलते रहते हैं, इस पर मुझे कुछ नहीं कहना है। हम तो सिर्फ याद कराते हैं कि पहले से कितना काम बिहार के हित में किया गया, इन सब बातों को आपलोग भी याद रखिए। हमने कभी पार्टी के बारे में नहीं बोला है, हम तो बस इतना ही बोल रहे थे कि बिहार के हित में कितना अच्छा काम हो रहा है। हमने बताया था कि वर्ष 1917 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी चंपारण आए थे और उनके नेतृत्व में यहीं से आंदोलन शुरू हुआ था। महात्मा गांधी जी के चंपारण सत्याग्रह के 30 साल बाद देश आजाद हुआ था। जब वर्ष 2017 में उनके आगमन के 100 साल पूरे हुए तो हमलोगों ने कई कार्य किए। मेरे इस व्यक्तव्य को आपलोगों ने कहीं जगह नहीं दिया।

आप इतना विकास कर रहे हैं बावजूद इसके विपक्ष आप पर लगातार हमलावर क्यों है, इस प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिसको जो कुछ कहना है कहे। हमको इससे कोई लेना देना नहीं है। हमलोग दिन रात काम करते हैं। कहीं किसी प्रकार की कोई आवश्यकता होती है उसके लिए हमलोग बैठक करते हैं। हमने ही दफ्तर आने का समय 9.30 निर्धारित किया था, वर्ष 2013 तक मुख्य सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में हम हमेशा आते थे। हम फिर अब यहां 9.30 बजे रेगुलर आने लगे हैं। अब मंत्री से लेकर सभी लोग समय पर आने लगे हैं। हम सिर्फ काम करते हैं। हमारी बस एक दिलचस्पी है कि बिहार के हित में काम करना और देश के पक्ष में जो भी हो सके अपनी बात को रखते हैं।

राजनीति में खूबसूरती में इनका है जलवा, जाने कोन है ये

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PATNA : चेहरे पर गजब की चमक. बड़ी-बड़ी मदहोश कर देनेवाली आंखें. छोटे-छोटे स्टायलिश बाल, करीने से पहनी साड़ी और स्लिवलेस ब्लाउज. बिहार की यह महिला सांसद जहां खड़ी हो जाती. वहां माहौल और मौसम दोनों ही बदल जाते. खूबसूरती ऐसी जो देखे वो खो जाए. जिस सीट से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कभी सांसद रहे हैं, वहां से लगातार 3 बार यह खूबसूरत महिला जीतकर संसद पहुंचीं. इस जिंदादिल और खूबसुरती की मिसाल कहीं जानेवाली तत्कालीन सांसद का नाम है तारकेश्वरी सिन्हा. उनकी खूबसूरती और काम के कई किस्से मशहूर है. उनके दीवानों के कई नाम है, तो नफरत करने वालों की भी कोई कमी नहीं हैं. उनमे से एक इंदिर गांधी भी थी. जी हां आयरन लेडी कहे जानेवाली प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी.

 

बला की खूबसूरत

 

कहा जाता है कि तारकेश्वरी सिन्हा एक से बढ़कर एक साड़ियां पहनती थीं. फर्राटेदार हिन्दी और अंग्रेजी बोलनेवाली तारकेश्वरी सिन्हा जब उर्दू की शेरो-शायरी का अपने भाषणों में इस्तेमाल करती थीं तो समां बंध जाता था. तारकेश्वरी सिन्हा खुद अपने डायरी में कविता और शेरो-शायरी लिखती है. उन्हें पढ़ने-लिखने और पढ़ाने का भी बड़ा शौक था. वह हमेशा लेख लिखती रहती थी. बड़े समाचार पत्रों में इनके लेख छपते थे.

 

 

बाढ़ से बनी सांसद

 

जिस महिला से इंदिरा गांधी को चिढ़ हो, उसकी हैसियत और खूबसूरती का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. इंदिरा गांधी पर जीवनी लिखने वाली कैथरीन फ्रेंक ने अपनी किताब ‘इंदिरा’ में लिखा कि किसी जमाने में फिरोज गांधी का खुलेआम अफेयर तारकेश्वरी सिन्हा से चला था. इसी किताब में कैथरीन ने तारकेश्वरी सिन्हा को ‘The glamour girl of the Indian Parliament’ कहा है. इंदिरा गांधी ने कभी इन्हें पसंद नहीं किया. पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 1952 में उन्हें पटना से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने को कहा. महज 26 साल की उम्र में तारकेश्वरी सिन्हा सांसद बन चुकी थीं.

 

तारकेश्वरी सिन्हा की शुरुआती जिंदगी

 

तारकेश्वरी सिन्हा का जन्म 26 दिसंबर 1926 को नालंदा जिले के चंडी के पास तुलसीगढ़ गांव में एक भूमिहार परिवार में हुआ था. उन्होंने पटना के बांकीपुर गर्ल्स कॉलेज (अब मगध महिला कॉलेज) में पढ़ाई कीं. बाद में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में एमएससी किया. तारकेश्वरी सिन्हा के पिता डॉक्टर नंदन प्रसाद सिन्हा पटना में सर्जन थे, वो उनकी इकलौती बेटी थीं. पढ़ाई के दौरान ही स्टूडेंट पॉलिटिक्स में इंट्रेस्ट हो गया. 19-20 साल की उम्र में देखते ही देखते बिहार की बड़ी छात्र नेता के तौर पर पहचान बना लीं. 1942 के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. आजादी के बाद 1952 में हुए पहले चुनाव में महज 26 वर्ष की उम्र में लोकसभा सांसद चुनी गईं. इसके बाद 1957, 1962 और 1967 में बाढ़ संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा पहुंचीं. 1958-64 तक जवाहरलाल नेहरू केंद्रीय कैबिनेट में पहली महिला उप वित्त मंत्री थीं. उन्हें मोरारजी देसाई का करीबी माना जाता था. लाल बहादुर शास्त्री के बाद जब प्रधानमंत्री चुनने की बारी आई तो वो मोरार जी देसाई के पक्ष में खड़ी दिखीं. बाद में वो मोरार जी देसाई के पक्ष में कांग्रेस से अलग हो गईं. फिर कांग्रेस में लौट आईं और 1971 के लोकसभा चुनावों में बिहार के बाढ़ से चुनाव हार गईं. ये उनकी पहली हार थी. इसके बाद वो लगातार हारती चली गईं. आखिरी चुनाव उन्होंने समस्तीपुर से नवंबर 1978 लड़ा था, लेकिन फिर वो हार गईं. इसके बाद उन्होंने राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लिया. इनका देहांत 80 साल की उम्र में 14 अगस्त 2007 को हो गया.

बिहार से बाहर जानेवालों की भी करा लें गणना:- बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी

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CHAPRA : केन्द्र सरकार के साथ साथ बिहार में भी भाजपा की सरकार होती तो यह देश का सबसे गरीब राज्य नहीं होता। चार करोड़ लोग बिहार छोड़कर बाहर नहीं गये होते। उक्त बातें छपरा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने बुधवार को सारण जिले में आयोजित दिशा समिति की बैठक के बाद पत्रकार वार्ता के दौरान कही। सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी ने पत्रकार वार्ता के दौरान बिहार सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जातिगत गणना करवाने वाली बिहार सरकार एक गणना बिहार से बाहर गये लोगों की भी करवाएं। आज केन्द्र सरकार द्वारा हर क्षेत्र में चहुंमुखी विकास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा की राज्य सरकार द्वारा तीन घंटे में किसी भी जिला मुख्यालय से राजधानी में पहुंचने का दावा किया जा रहा। वो सब सड़कें केन्द्र सरकार की है। राज्य में आज सड़कों का जाल बिछा दिखाई दे रहा है वो केन्द्र सरकार की देन है। जिसमें राज्य सरकार का कोई योगदान नहीं है। राज्य में गंगा नदी पर बनने वाले उच्च पथ केन्द्र सरकार की देन है। सारण जिले में बनने वाले दिघवारा -दानापुर पुल,जेपी सेतु के समानांतर बनने वाला पुल,रिविलगंज से विशुनपुरा तक बनने वाला बाईपास एवं गडंक नदी पर बनने वाला पुल सब केन्द्र सरकार की देन है। आज केन्द्र के समर्थन के साथ साथ राज्य में भी भाजपा की सरकार होती तो बिहार देश का सबसे गरीब राज्य नहीं होता।

 

बता दें की सारण जिले में बुधवार को जिला स्तरीय विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) का आयोजन समाहरणालय सभागार में सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी की अध्यक्षता में किया गया। दिशा समिति की बैठक में जिले में केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक जनता को दिलाने पर चर्चा की गई।

 

बुधवार को आयोजित दिशा समिति की बैठक में मुख्य रूप से बिजली विभाग, ग्रामीण विकास विभाग,एनएचआई, रेलवे सहित अन्य विभागों द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर योजनाओं की प्रगति की जानकारी लेकर उन्हें ससमय पुरा करने के निर्देश दिए गए। दिशा समिति की बैठक में दिशा समिति के उपाध्यक्ष सह महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, दिशा समिति के सचिव सह जिलाधिकारी अमन समीर सहित जिले के सभी विधायक,विधान पार्षद एवं सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

बेटे की गिरफ्तारी पर फूट-फूट कर रोई शहाबुद्दीन की पत्नी

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Patna :- किसी जमाने में जिस बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन का खौफ सीवान क्या पूरे बिहार में माना जाता था उनकी मौत के बाद अब सबकुछ बदल चुका है. स्थिति है कि अब शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब को डर सता रहा है कि कहीं मांग उजड़ने के बाद अगर गोद उजड़ जाए तो क्या करुंगी? बेटे की गिरफ्तारी के बाद फूट-फुटकर रोती हीना शहाब को अब अपने बेटे की चिंता सताने लगी है. शहाबुद्दीन और हीना शहाब के बेटे ओसामा की पहले राजस्थान में हुई गिरफ्तारी, फिर बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तार करना अब हीना शहाब को डरा रहा है.

बिहार पुलिस ने बुधवार को सीवान की अदालत में ओसामा को पेश किया तो वहां उनके समर्थक जमकर उग्र हुए. इस दौरान पुलिस ने बल प्रयोग भी किया. वहीं ओसामा को अदालत ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इससे अब हीना शहाब को अपने बेटे की जान को लेकर डर सताने लगा है. पत्रकार ने पूछा कि क्या आपके बेटे को फंसाया गया है? इतना सुनते ही हीना शहाब फफक कर रोने लगीं. हीना ने सरकार और प्रशासन से गुहार लगाते हुए कहा कि हमें न्याय चाहिए, अगर न्याय नहीं मिलता है तो हमलोग कहां जाएंगे.

दरअसल, शहाबुद्दीन को भी दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया था. वहीं उनकी मौत हो गई थी. उनकी मौत के बाद शहाबुद्दीन के परिजनों ने कई प्रकार के आरोप लगाए थे. यहां तक कि शहाबुद्दीन की मौत के बाद हीना और राजद के सम्बन्धों को लेकर भी कई प्रकार की बातें कही जा रही हैं. इसमें हीना शहाब के राजद से अलग होने की बातें भी होते रहती हैं. इन सबके बीच अब शहाबुद्दीन और हीना के बेटे पर बिहार पुलिस ने शिकंजा कसा तो माँ हीना को डर है कि कहीं मांग उजड़ने के बाद अगर गोद उजड़ जाए तो क्या करुंगी?

गौरतलब है कि ओसामा को राजस्थान के कोटा में चोरी की गाड़ी के साथ गिरफ्तार किया गया था. कोटा की अदालत में जैसे ही ओसामा को जमानत मिली वैसे ही बिहार पुलिस ने उन्हें धर दबोचा. भूमि विवाद के एक मामले में ओसामा की यह गिरफ्तारी हुई है और अब उसे सीवान की अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इसी के साथ ही शहाबुद्दीन की अगली पीढ़ी यानी उनके बेटे का राजनीतिक उदय होने के पहले ही क़ानूनी वास्ता पड़ गया है.

पटना समेत दस ज़िलों में आज से शुरू होगा बालू खनन, ड्रोन से होगी निगरानी

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PATNA : राजधानी पटना समेत राज्य के दस जिलों में रविवार से बालू खनन शुरू हो जाएगा। इस बार नए बंदोबस्तधारियों के माध्यम से नई नीति के तहत नदी घाटों के छोटे-छोटे कलस्टर बनाकर नीलामी की गई है। वहीं, इस दफे बालू खनन नियम के अनुसार हो रहा है या नहीं,इसकी कड़ी निगरानी भी की जाएगी। बालू घाटों पर खनन की ड्रोन से निगरानी की जाएगी।

वहीं, इस बार राज्य सरकार के तरफ से बालू ढोने वाली गाड़ियों का निबंधन करवाकर उसमें जीपीएस लगाने, बालू के वजन के लिए घाटों पर धर्मकांटा लगाने, चेक पोस्ट बनाने, चालान काउंटर और चेकपोस्ट पर सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया गया है।

मालुम हो कि खान एवं भूतत्व विभाग के अनुसार, पटना, रोहतास, औरंगाबाद, जमुई, लखीसराय, भोजपुर, अरवल, गया, नवादा और बांका जिलों में बालू खनन की अनुमति दी गई है।

उधर, बालू खनन शुरू होने को लेकर राज्य सरकार के मंत्री डॉ. रामानंद यादव ने कहा कि – बालू का अवैध खनन, बिक्री और ढुलाई रोकने के लिए गाड़ियों में जीपीसी लगाने, घाटों पर ड्रोन से निगरानी करने, धर्मकांटा लगाने और चेकपोस्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसका पालन हो रहा है या नहीं, इसका निरीक्षण होगा और लगातार समीक्षा होगी। पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

बक्सर में फिर जमकर बरसे आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह

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BUXAR : राजद के फायर ब्रांड नेता और बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह अपने ही गठबन्धन के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार जोरदार हमला बोल रहे हैं। उन्होंने साफ़ तौर पर कहा की बिहार में हमारी सरकार नहीं है, नीतीश कुमार की सरकार है। अजीब बात है कि पिछले 18 सालों से बिहार में दूल्हे की डोली ढोने वाले कहार तो बदल रहे हैं। लेकिन दूल्हा नहीं बदल रहा है।

उन्होंने कहा की 45 दिनों तक मैं भी मंत्रिपरिषद में शामिल होकर दूल्हे की डोली ढोया था। लेकिन जब ऐसा लगा कि अब हम डोली नहीं ढो पाएंगे तो हमने उससे मुक्ति पा ली। किसानों का मांग जायज है और केंद्र की सरकार को भी झुकना पड़ा था तो बिहार की सरकार क्या चीज है।

वहीं उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना जरूरी था। लेकिन जिस तरह से जातियों की संख्या कम और ज्यादा को लेकर कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं। वह गलत है। जातीय जनगणना का मकसद समाज में पिछड़े हुए लोगों की स्थिति जानना है। जिससे उनका उत्थान हो। इसके लिए जनगणना हुआ है।

गौरतलब है कि निर्माणाधीन पावर प्लांट के गेट पर अपनी मांगों को लेकर धरना पर बैठे हुए जिससे पवार प्लांट का काम बंद हो गया है। न तो वर्कर डर से अंदर जा रहे है और न ही काम हो रहा है।

नालंदा में बैंक से घर लौट रही महिला से बदमाशों ने की एक लाख रूपये की छिनतई

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NALANDA : जिले में बेख़ौफ़ अपराधी आये दिन हत्या, लूट और छिनतई की घटना को अंजाम दे रहे हैं। इसी कड़ी में परबलपुर थाना इलाके के धनावा गांव के समीप दिनदहाड़े एक महिला से बदमाशों ने रुपए से भरा बैग छीन लिया और मौके से फरार हो गए।

घटना के सम्बन्ध में धनावा गांव निवासी पिंटू सिंह की पत्नी रीना देवी ने बताया कि परवलपुर बाजार स्थित एसबीआई बैंक से अपनी पुत्री की शादी के लिए 1 लाख रुपए निकालकर घर लौट रही थी।

इसी दौरान गांव से कुछ दूरी पर बाइक पर सवार दो बदमाश झपट्टा मारकर बैग छीनकर फरार हो गए। घटना के बाद वह चीखती चिल्लाती रही पर किसी ने उनकी मदद नहीं की। इस कारण बदमाश बड़े आसानी से वहां से फरार हो गए।

थानाध्यक्ष अबू तालिब ने बताया कि महिला द्वारा 1 लाख छीन लिए जाने की बात बताई जा रही है। आसपास के इलाके में वाहन चेकिंग अभियान लगाया गया है। साथ ही बैंक में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि दोनों युवक बैंक से ही महिला का पीछा कर रहे थे। धनावा गांव के समीप मौका पाकर रुपए लेकर फरार हो गए है।

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तारीखों का बदलने का किया ऐलान, जाने किस तारीख को होंगे चुनाव

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DESK. राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तारीखों का बदलने का ऐलान किया है. 23 नवंबर की तारीख राजनीतिक दलों को रास नहीं आ रही थी. इसलिए अब राजस्थान में 25 नम्वबर को चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है. तमाम राजनीतिक दल चाहते थे कि चुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए. सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस ने चुनाव आयोग से चुनाव की तारीख का बदलने की मांग की है. वहीं भाजपा को भी लगता है कि 23 नवंबर को मतदान होने से उसे नुकसान हो सकता है. इसलिए अब 25 नवंबर को चुनाव कराने का निर्णय लिया गया है. बुधवार को चुनाव आयोग ने इसका फैसला लिया.

चुनाव आयोग ने 200 सीटों वाले राजस्थान में विधानसभ चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। राजस्थान में 25 नवंबर को वोटिंग होगी और 10 दिन बाद यानि 3 दिसंबर को चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे.वोटिंग वाले दिन देवउठनी एकादशी पड़ रही है, इस दिन हाजारों की संख्या में विवाह होते हैं. इसी कारण मतदान भी कम हो सकता है. इसका बड़ा खामियाजा राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को उठाना पड़ सकता है.

जस्थान के कई नेताओं ने इलेक्शन कमीशन से वोटिंग की तारीख बदलने की मांग की। इतना ही नहीं पाली सांसद पीपी चौधरी ने तो इसके लिए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को पत्र भी लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा है कि 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है, इस दिन राजस्थान में करीब 50 हजार के आसपास शादियां होती हैं। ऐसे में लाखों लोग अपने शहर-गांव से दूसरी जगह जाएंगे। शादियों में टैंट, कैटरिंग, बैंड सहित अन्य वर्ग सीधे रूप में जुड़ा होता हैं। तो यह लोग भी इस दिन बिजी रहेंगे। जिस कारण वह मतदान नहीं कर सकेंगे। इसलिए यह तारीख बदली जाए।

राजस्थान में चर्चा हो रही थी कि अगर एकादशी के दिन वोटिंग हुई तो इसका नुकसान बीजेपी को होगा। क्योंकि शादियां होन के कारण वोटिंग कम होगी और जितनी कम वोटिंग होगी उतना फायदा सत्ताधारी पार्टी यानि कांग्रेस को होगा। विवाह के अलावा एकादशी पर कई जगहों पर धार्मिक कार्यक्रम होते हैं। ब्राह्मण, बनिया और राजपूत भाजपा का कोर वोट बैंक हैं, और इन समाज के लोग तिथि में ज्यादा आस्था रखते हैं। ऐसे में यह लोग बीजेपी को वोट नहीं डाल पाएंगे तो सीधे तौर पर नुकसान होगा। हालांकि बीजेपी ने दावा किया है कि हमारे कार्यकर्ता मतदाता को पोलिंग बूथ तक पकड़कर लाएंगे।

मुजफ्फरपुर में अपराधियों के हौसले बुलंद, हथियार के बल पर दवा व्यवसाई को लूट की घटना को दिया अंजाम

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मुजफ्फरपुर:- मुजफ्फरपुर में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. एक तरफ जहां अपराधी अपराध को अंजाम देकर लगभग रोज पुलिस को चैलेंज दे रहे हैं वहीं आम लोग में खौफ साफ देखा जा सकता है. एक बार फिर बाइक सवार अपराधियों ने एक दवा व्यवसाई को निशाना बनाते हुए हथियार के बल पर लूट की वारदात को अंजाम दिया है, जिसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया है.

पूरा मामला मुजफ्फरपुर जिले के सदर थाना क्षेत्र के गोबरसही डुमरी रोड का है जहां शनिवार की देर रात दवा व्यवसाई यशराज अपनी दवा दुकान को बंद कर दुकान से महज कुछ ही दूरी पर स्थित अपने घर को जा रहे थे तभी अपाचे बाइक सवार दो अपराधियों ने दवा दुकानदार यशराज को हथियार दिखाकर रोक लिया और उनके गले से सोने का चैन और तकरीबन 17 हज़ार 300 रूपये लूट कर फरार हो गए. अब वही पूरे मामले की लिखित शिकायत दवा दुकानदार यशराज ने सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दिया है.

दवा दुकानदार यशराज ने बताया कि वह रोज की तरह सदर थाना क्षेत्र के गोबरसही चौक स्थित अपने दवा दुकान को बंद कर अपने घर को जा रहे थे तभी गोबरसही डुमरी रोड में अपाचे सवार दो अपराधी उनके पास पहुंचे और हथियार दिखाकर गले से सोने का चैन और पॉकेट में रखे गए 17 हज़ार 300 रूपये लूट कर फरार हो गए. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.