आईआईटी जेईई की परीक्षा देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. जेईई की परीक्षा इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए आईआईटी में एडमिशन पाने के लिए एंट्री गेट है, जिसके बिना आईआईटी में एंट्री नहीं मिल सकती. ऐसे में हर साल लाखों युवा जेईई के लिए तैयारी करते हैं, जिनमें से ज्यादातर बच्चे कोचिंग संस्थानों के मदद लेते हैं, लेकिन कुछ स्टूडेंट्स की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं होती है कि वे कोचिंग अफोर्ड कर पाए और फिर भी किसी तरह से इस परीक्षा को पास करने में सफल हो जाते हैं. आज हम आपको एक ऐसे ही युवा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने मुश्किल परिस्थितियो को पार करके सफलता हासिल की।
हम बात कर रहे हैं वडोदरा के रहने वाले प्रणय माछी की, जिन्होंने जेईई एडवांस्ड की परीक्षा को क्वालिफाई करके IIT में अपनी सीट पक्की की. स्टूडेंट्स महंगी कोचिंग क्लासेस लेकर इस परीक्षा के लिए तैयारी करते हैं, वहीं प्रणय ने बिना कोचिंग के यह कामयाबी पाई है.
पिता चलाते हैं ऑटो रिक्शा
17 वर्षीय प्रणय माछी के पिता भरत एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर हैं. ऐसे में महंगी कोचिंग क्लास का खर्च उठाना तो दूर की बात है, बेटे की पढ़ाई का खर्च उठाना ही परिवार के लिए एक मुश्किल था. प्रणय हमेशा से इंजीनियर बनना चाहते थे. ऐसे में अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने हार्ड वर्क करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. प्रणय ने ऑनलाइन मटेरियल की मदद और सेल्फ स्टडी के दम पर. प्रणय का परिवार ट्यूशन फीस का भुगतान करने में असमर्थ था. फिर भी वह जेईई परीक्षा को पास करने में सफल हुए, क्योंकि उन्हें अपनी मेहनत और खुद पर पूरा यकीन था।
11वीं से ही शुरू कर दी थी तैयारी
प्रणय ने दंतेश्वर के बड़ौदा हाई स्कूल से 12वीं की पढ़ाई की है. उन्होंने इस परीक्षा में 86 फीसदी मार्क्स हासिल किए थे. इस चुनौतीपूर्ण एंट्रेंस एग्जाम को पास करने के लिए उन्होंने 11वीं से ही जेईई की तैयारी शुरू कर दी थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक निजी कोचिंग तो प्रणय ने नहीं ली, लेकिन उन्हें महावीर फाउंडेशन का सपोर्ट मिला. इसके साथ ही वह जेईई की तैयारी के लिए ऑनलाइन पढ़ाई करते थे।
प्रणय के पिता को यकीन नहीं था कि वे अपने बेटे के सपने को पूरा करने में उसका साथ दे पाएंगे, लेकिन प्रणय ने प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे. अभी प्रणय आईआईटी गोवा से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रहे हैं।