भागलपुर। तिलकामांझी सरकारी बस डिपो स्थित परिवहन विभाग के टेस्टिंग ट्रैक को ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाया जाएगा। इस पर मारुति सुजुकी इंडिया कंपनी ने काम शुरू कर दिया है। टेस्टिंग ट्रैक के आसपास बिजली के तार कैसे पहुंचेंगे, बुधवार को इसकी जांच की गई। इसके अलावा परिवहन विभाग में बैटरी और यूपीएस सहित अन्य सामान भी पहुंच चुका है।
18 दिसंबर को भागलपुर सहित बिहार के पांच शहरों में वर्ल्ड क्लास ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाने को लेकर मारुति सुजुकी इंडिया और बिहार सरकार के परिवहन विभाग के बीच समझौता हुआ था। इसके बाद ही यह काम शुरू किया गया है। भागलपुर के अलावा दरभंगा, गया, पूर्णिया और सारण में भी इसे बनाया जाएगा। जिला परिवहन पदाधिकारी जनार्दन कुमार ने बताया कि मई के अंत तक ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का काम पूरा कर लिया जाएगा।
टेस्ट को लेकर होगी सख्ती
यदि कोई व्यक्ति टेस्ट देने आया है तो उसे सभी टेस्ट क्लीयर करने होंगे, तभी उनका लाइसेंस बनेगा। अन्यथा हुआ फेल हो जाएंगे। ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक पर टेस्ट देने वालों की मॉनिटरिंग मानकीकृत मूल्यांकन प्रक्रिया के तहत डिजायन की गई है। इसे पूरी तरह से केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के अनुसार बनाया जाएगा। डीटीओ जनार्दन कुमार ने बताया कि तिलकामांझी सरकारी बस डिपो स्थित परिवहन विभाग के टेस्टिंग ट्रैक को ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक बनाया जाएगा। मारुति सुजुकी की एजेंसी के द्वारा टेस्टिंग ट्रैक का निरीक्षण भी किया गया है। मारुति सुजुकी एजेंसी के माध्यम से कई सामान कार्यालय में लाकर रखा गया है।
क्षेत्रीय ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर 3 एकड़ में बनेगा
भागलपुर। मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज के द्वारा भागलपुर, पूर्णिया, गया और मुजफ्फरपुर में प्रति एक करोड़ की आबादी पर एक क्षेत्रीय ड्राइविंग टेस्टिंग सेंटर स्थापना करने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद जमीन चिह्नित करने का पत्र भेजा गया है। जल्द ही तीन एकड़ जमीन पर क्षेत्रीय ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की तैयारी है। जिला परिवहन पदाधिकारी जनार्दन कुमार ने बताया कि भागलपुर जिले में तीन एकड़ जमीन की तलाश शुरू कर दी गई है। जमीन मिलने के बाद इसका प्रपोजल बनाकर मुख्यालय को भेजा जाएगा।