मंदिर को गुलामी का रास्ता बता कर विवादों से घिरे राजद विधायक फतेह बहादुर ने एक बार फिर भगवान श्री राम और अयोध्या को लेकर विवादित बयान दिया है. जमुई में एक कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे राजद विधायक फतेह बहादुर ने कहा कि अयोध्या का निर्माण बौद्ध भिक्षुओं का सिर काटकर किया गया है, जिसका गवाह सरयू नदी है. उन्होंने साफ कहा कि आस्था दिखाने की चीज नहीं होती।
एमएलए ने अयोध्या नाम पर उठाए सवाल
उन्होंने कहा कि पहले इसका नाम साकेत हुआ करता था, लेकिन जब राजा वृहद्रथ की हत्या पुष्यमित्र शुंग ने कर दी थी, इस दौरान लाखों बौद्ध भिक्षुओं की हत्या भी कर दी गई थी. तब सरयू नदी खून से लाल हो गई थी. इस दौरान ही उसका नाम बदलकर साकेत से अयोध्या कर दिया गया था. उन्होंने ये भी कहा कि जिसकी जिसमें आस्था है वो रखे, लेकिन मंदिर और राम के नाम पर लोगों में अंधविश्वास क्यों फैलाया जा रहा है।
“पहले इसका नाम साकेत हुआ करता था, बाद में उसका नाम बदलकर साकेत से अयोध्या कर दिया गया. अयोध्या का निर्माण बौद्ध भिक्षुओं के सिर काटकर किया गया है, जिसका गवाह सरयू नदी है”-फतेह बहादुर सिंह, राजद विधायक
‘मंदिर के नाम पर फैला रहे अंधविश्वास’
उन्होंने भगवान राम के अस्तित्व पर फिर से सवाल उठाते हुए कहा कि भगवान राम महज एक काल्पनिक पात्र हैं. इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी माना था. जो लोग संविधान को नष्ट करने में लगे हैं और मंदिर के नाम पर लोगों में अंधविश्वास फैला रहे हैं, कि 22 तारीख को राम की मुर्ति में प्राण डाला जाएगा, क्या इससे पहले राम में प्राण नहीं था. ये लोग अपने बच्चों को शिक्षा के लिए स्कूल के बजाय मंदिर भेजेंगे. हमलोग शिक्षा के मंदिर विद्यालय जाने की बात करते हैं और करते रहेंगे. इसी से देश का विकास होगा।
राम मंदिर पर राजनीतिक विवाद
दरअसल 22 जनवरी को राम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा होने जा रहा है. लोगों में इसे लेकर काफी उकत्सुक्ता है. वहीं इसे लेकर राजनीति भी गरमाई हुई है, राजद के नेताओं ने तो इसे लेकर विवादित बयान भी दिया है, जिससे इंडिया गठबंधन के लोगों को जवाब देते नहीं बन रहा. राजद नेता फतेह बहादुर ने मंदिर पर बयान देने के बाद अब अयोध्या नाम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।