सरकारी शिक्षक बनने का सपना देखकर बीएड परीक्षा पास करने वाले युवाओं को एक बार फिर से झटका लगा है। एक और राज्य ने उनको प्राइमरी शिक्षक भर्ती में अयोग्य करार दिया है।
अब उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में बीएड डिग्री धारी को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अयोग्य करार दिया है। एनसीटीई के जून 2018 के नोटिफिकेशन की वैद्यता को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द करने के बाद हाई कोर्ट ने निर्देश जारी किया है।
इसके अनुसार विनिमय मल्ल ने ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा 28 जून 2018 की अधिसूचना को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकारी स्कूलों में सहायक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में बीए डिग्री धारी को रोका जाए जो की भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं।
अब इस मामले में सरकार की ओर से बताया गया कि देवेश शर्मा बनाम भारत संघ और अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद द्वारा जारी अधिसूचना को रद्द कर दिया है। इसके आधार पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी एवं न्यायाधीश विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में याचिका को निरस्त करते हुए उक्त अधिसूचना के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो रहे बीएड डिग्री धारी को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल होने से अयोग्य माना है।