‘शरबत जेहाद’ पर हाईकोर्ट की फटकार के बाद बाबा रामदेव झुके, पतंजलि हटाएगा विवादित विज्ञापन

IMG 3662IMG 3662

नई दिल्ली: पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक बाबा रामदेव ने अपने विवादित ‘शरबत जेहाद’ वाले बयान पर दिल्ली हाईकोर्ट के कड़े रुख के बाद पीछे हटने का फैसला लिया है। उन्होंने कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वह तुरंत संबंधित वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट हटाएंगे, जिसमें हमदर्द के मशहूर प्रोडक्ट ‘रूह अफजा’ को लेकर टिप्पणी की गई थी।

हाईकोर्ट ने कहा – “बयान अक्षम्य, आंखों और कानों पर विश्वास नहीं हुआ”

मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव के बयान को “अनुचित और अक्षम्य” करार दिया। कोर्ट ने कहा कि यह बयान न केवल अदालत की अंतरात्मा को झकझोर देने वाला है बल्कि इससे समाज में धार्मिक वैमनस्य फैलने का खतरा भी है।

जज ने टिप्पणी की:

“जब मैंने वीडियो देखा, तो मुझे अपनी आंखों और कानों पर विश्वास नहीं हुआ।”

हमदर्द की याचिका पर सुनवाई, मुकुल रोहतगी ने दी दलील

बयान को लेकर हमदर्द लैबोरेट्रीज ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए और कहा कि बाबा रामदेव का यह बयान न सिर्फ भ्रामक है बल्कि हेट स्पीच की श्रेणी में आता है। उन्होंने अदालत को बताया कि इस तरह के दावे समाज को धार्मिक आधार पर बांटते हैं।

क्या था विवादित बयान?

हमदर्द के वकील ने बताया कि बाबा रामदेव ने अपने एक वीडियो में दावा किया था कि ‘रूह अफजा’ से कमाए गए पैसों का उपयोग मदरसों और मस्जिदों के निर्माण में किया जाता है। हालांकि बाद में बाबा रामदेव ने सफाई दी कि उन्होंने किसी ब्रांड या समुदाय का नाम नहीं लिया।

हलफनामा दाखिल करने का आदेश

कोर्ट ने बाबा रामदेव की तरफ से पेश हुए वकील राजीव नायर के बयान को रिकॉर्ड में लिया और निर्देश दिया कि पांच दिनों के भीतर हलफनामा दाखिल किया जाए। इसमें यह आश्वासन देना होगा कि भविष्य में पतंजलि या बाबा रामदेव किसी प्रतिस्पर्धी ब्रांड के खिलाफ इस तरह की कोई टिप्पणी या विज्ञापन नहीं करेंगे।

अगली सुनवाई 1 मई को

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 1 मई 2025 के लिए निर्धारित की है। कोर्ट इस बात की समीक्षा करेगी कि पतंजलि और बाबा रामदेव ने अपने वादे के अनुसार सभी विवादित कंटेंट हटाए हैं या नहीं।

Related Post
Recent Posts
whatsapp