मुंबई में एनसीपी लीडर बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में शार्प शूटर धर्मराज कश्यप, शिवकुमार उर्फ शिवा और हरियाणा के कैथल निवासी गुरमेल का नाम प्रमुखता से सामने आया है। धर्मराज कश्यप और शिवा दोनों शार्प शूटर उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के गंडारा गांव के निवासी बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, धर्मराज और शिवकुमार कई साल से मुंबई और पुणे में रह रहे थे, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि वे लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में कब और कैसे आए।
धर्मराज कश्यप और गुरमेल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि शिवकुमार उर्फ शिवा फरार बताया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार दोनों शार्प शूटर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त थे और उनके संबंध मुंबई में कई गिरोहों के साथ हो सकते हैं।
इस घटना के बाद मुख्य आरोपी शिवा की मां सुमन ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, “मेरे बेटे के ऊपर क्या आरोप हैं, या उसे गिरफ्तार किया गया है, मुझे यह कुछ पता नहीं चला है। मैं बीपी की मरीज हूं। मुझे आज सुबह आसपास के लोगों ने यह बताया कि टीवी में मेरे बेटे के बारे में खबरें आ रही हैं। इन बातों को सुनकर मैं बहुत घबरा गई। मेरा बेटा पुणे काम करने गया था। यह कैसे हो गया। सुबह से मेरे घर पर पुलिस और मीडियाकर्मियों की भीड़ है। मुझे और कोई सूचना नहीं मिली।”
उन्होंने आगे कहा, “वह मुंबई नहीं बल्कि पुणे में रहता था। जहां हरीश की दुकान पर वह काम करता था। पिछले तीन साल से वह वहां काम कर रहा था। इस दौरान वह घर आता-जाता रहता था। इस बार होली के आठ दिन बाद घर से गया है, तबसे नहीं आया है।”
गंडारा गांव के प्रधान हसनैन ने कहा, “इसकी जांच पुलिस कर रही है, जो सच होगा सामने आ जाएगा। परिवार वालों ने बताया है कि धर्मराज दो महीने पहले घर से गया था, जबकि शिवा करीब सात-आठ महीने पहले घर से गया था।”
बता दें कि इस मामले में तीसरा आरोपी गुरमेल हरियाणा में कैथल के नरड गांव का रहने वाला है। बताया जा रहा है कि वह साल 2022 में एक युवक की हत्या करने के मामले में कैथल जेल में बंद था। इस मामले में जमानत मिलने के बाद वह मुंबई चला गया, जहां लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ उसके संबंध बने। एक तथ्य यह भी सामने आ रहा है कि आरोपी कैथल जेल में ही लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गों के संपर्क में आया था। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, आरोपी के मां-बाप की मृत्यु हो चुकी है और लंबे समय से वह अपने गांव नहीं गया है। आरोपी ने अपने साथियों के साथ मिलकर पहले बाबा सिद्दीकी के घर और दफ्तर की रेकी की। ये लोग पिछले डेढ़-दो महीने से मुंबई में थे और उन पर नजर रख रहे थे। मुंबई क्राइम ब्रांच की कई टीमें इस मामले की जांच कर रही हैं।