बिहार-झारखंड का महत्वपूर्ण एवं अति व्यस्त बाबूपुर पुल बाढ़ के पानी के तेज बहाव में शुक्रवार को ध्वस्त हो गया। यह पुल 2002 में बाबूपुर के तत्कालीन पंचायत समिति सदस्य अजय राय द्वारा बनवाया गया था। उन्होंने बताया कि उस समय उस स्थान पर कोई पुल नहीं था, और जनता की मांग पर उन्होंने इसे बनवाया था। यह एक बोल्डर पुल था, जिसकी लागत लगभग एक से 1.5 लाख रुपये थी।
उक्त पुल आठ फीट चौड़ा, 11 फीट लंबा, और नीचे से ऊपर की ऊंचाई 10 फीट थी, जबकि गहराई पांच फीट थी। हालांकि बाद में सड़क बनाई गई होगी, लेकिन पुल उसी समय बना था। पुल टूटने के कारण स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे करीब 30 हजार की आबादी प्रभावित हुई है। वहीं प्रखंड के दियारा क्षेत्र का पंचायत पूरी तरह बाढ़ की चपेट में है। स्थिति ऐसी है की घर, द्वार, गांव, सड़क,पुल-पुलिया, खेत, बहियार, मंदिर, स्कूल सब पानीमय है। प्रखंड में डायरिया का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार को शीतलपुर से पांच तथा सिमानपुर से भी दो मरीज भर्ती कराए गए।