बाहुबली नेता और पूर्व विधायक अनंत सिंह को हत्या की कोशिश से जुड़े एक मामले में बड़ी राहत मिली है. पटना की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 20 पुराने इस मामले में बाहुबली अनंत सिंह को बरी कर दिया है.उन्हें सबूतों के अभाव में बरी किया गया है. मोकामा से पांच बार विधायक रहे अनंत सिंह के खिलाफ यह मामला 28 फरवरी 2003 का है. पटना के पीरबहोर थाना क्षेत्र स्थित महेंद्रू घाट रेलवे कार्यालय में निविदा से जुड़े विवाद में दो पक्षों में गोलीबारी हुई थी. इसे लेकर अनंत सिंह पर आरोप लगे थे कि उनके ही इशारे पर गोलीबारी की गई और हत्या की कोशिश की गई।
हालांकि करीब 20 साल चले इस मामले में पूर्व विधायक के खिलाफ किसी प्रकार का ठोस सबूत सामने नहीं आया. अब एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें बरी करने का आदेश सुनाया है. अनंत सिंह का कोर्ट से बरी होना उनके लिए एक बड़ी राहत वाली खबर है. हालांकि इस मामले में बरी होने के बाद भी बाहुबली विधायक फ़िलहाल जेल में ही रहेंगे. अनंत सिंह के घर से एके 47 बरामदगी मामले में उन्हें अदालत ने पहले ही सजा सुना रखी है. इस वजह से अनंत सिंह को फ़िलहाल जेल में ही रहना पड़ेगा. एके 47 बरामदी के बाद कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के मामले में पिछले साल 10 साल की सजा सुनाई थी . इसके बाद उनकी विधायकी भी चली गई थी।
अनंत सिंह के पैतृक आवास से पुलिस ने 2019 में एके47, हैंड ग्रेनेड, कारतूस समेत अन्य हथियार बरामद हुए थे. कोर्ट ने इस मामले में उन्हें दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई. बाद में अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द होने पर मोकामा में हुए उप चुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी ने राजद के टिकट पर जीत हासिल की. वहीं अनंत सिंह वर्ष 2005 से 2020 तक के बीच पांच बार विधायक रहे।
इस बीच, गोलीबारी और हत्या की कोशिश से जुड़े मामले में अनंत सिंह को राहत मिलने पर उनके समर्थकों ने जमकर जश्न मनाया. बड़ी संख्या में मौजूद समर्थकों ने उम्मीद जताई कि जल्द ही अनंत सिंह को अन्य मामलों में भी कोर्ट से राहत मिलेगी और वे फिर से जनता के बीच होंगे।