भागलपुर, 13 अप्रैल 2025 — गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा (गुरुद्वारा रोड) में 326वीं बैसाखी, जिसे खालसा सजना दिवस के रूप में जाना जाता है, श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जाएगी। सिख समुदाय के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि 1699 में इसी दिन सिखों के दसवें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने खालसा पंथ की स्थापना की थी।
खालसा शब्द फारसी के “खालिस” से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘शुद्ध’ या ‘पवित्र’। गुरु गोबिंद सिंह जी ने पांच प्यारों के नेतृत्व में सिखों को अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध संगठित कर एक नई धार्मिक, सामाजिक और आध्यात्मिक चेतना का संचार किया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः 10:00 बजे होगी, जब 3 दिन से चल रहे अखंड पाठ का समापन किया जाएगा। इसके बाद बाहर से पधारे रागी जत्थे और भाई दलजीत सिंह (रांची) सहित अन्य गुरु भाई, गुरु की पावन जीवनी पर प्रकाश डालेंगे। तत्पश्चात सामूहिक अरदास और गुरु का लंगर आयोजित किया जाएगा।
रात्रि में गुरुद्वारा परिसर दीपों की रोशनी से जगमगाया जाएगा, जिसमें दीपोत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा।
इस शुभ आयोजन को सफल बनाने में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संरक्षक श्री खेमचंद बच्यानी, अध्यक्ष सरदार तजेंद्र सिंह, सचिव सरदार बलबीर सिंह, कोषाध्यक्ष मनजीत सिंह, उपाध्यक्ष सरदार हरविंदर सिंह भंडारी, उपसचिव श्री रामेश सूरी, एवं कमेटी सदस्य चरणजीत सिंह, अनु सोढ़ी आदि का विशेष योगदान रहा है।
यह जानकारी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मीडिया प्रभारी सरदार हर्षप्रीत सिंह द्वारा दी गई।