बिहार के बरौनी में 9 नवंबर को एक दुखद घटना घटी, जहां शंटिंग ऑपरेशन में गड़बड़ी के कारण एक रेलवे कर्मचारी की जान चली गई। इंजन को ट्रेन से अलग करने की कोशिश करते वक्त, इंजन और ट्रेन के दूसरे हिस्से के बीच अमर कुमार बुरी तरह से दब गया।
इस घटना ने रेलवे अधिकारियों द्वारा एक महत्वपूर्ण जांच को जन्म दिया है, दुर्घटना के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों की जांच की जा रही है। ऑपरेशन में शामिल एक अन्य रेलवे कर्मचारी मोहम्मद सुलेमान को इस दुर्घटना के लिए दोषी ठहराया गया है। रेलवे अधिकारियों ने दो कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया है।
घटना का मृतक के परिवार पर गहरा असर पड़ा है, जो अब मोहम्मद सुलेमान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, उन पर अमर कुमार की मौत का कारण जानबूझकर गलत काम करने का आरोप लगा रहे हैं। उनकी मांग है कि सख्त से सख्त कार्रवाई कर इंसाफ करें।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे की प्रारंभिक जांच में दुर्घटना के प्रत्यक्ष कारणों के रूप में सुलेमान और कुमार के बीच समन्वय की कमी और गंभीर गलतफहमी की ओर इशारा किया गया है। इस गलतफहमी के कारण सुलेमान ने लोको शंटर को गलत संकेत दिया। अमर कुमार फंस गया और उसकी जान चली गई।
रेलवे प्रशासन की तत्काल प्रतिक्रिया में मामले की गहन जांच होने तक सुलेमान और लोको शंटर राकेश रोशन दोनों को पहले निलंबित कर दिया था। स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज से कई अहम खुलासे हुए हैं। फुटेज में पाया गया कि अमर कुमार इंजन के बहुत करीब था, जो कि सुरक्षा प्रोटोकॉल के विपरीत था।
सुरक्षा के मद्देनज़र शंटिंग के दौरान कर्मियों को सीधे इंजन के सामने या उसके बीच में नहीं होना चाहिए। फुटेज में दिख रहा है कि सुलेमान द्वारा इंजन पायलट को इशारा कर रहा है। जबकि उस वक्त अमर कुमार ने शंटिंग कर ही रहा था। एक ग़लत इशारे ने उसकी जान ले ली।
इस त्रासदी के मद्देनजर पूर्व-मध्य रेलवे सोनपुर डिवीजन ने अमर कुमार के शोकाकुल परिवार की सहायता के लिए कदम उठाए हैं। डीआरएम सोनपुर विवेक भूषण सूद के निर्देशन में रेलवे ने अंतिम संस्कार सहायता के भुगतान में तेजी लाई है और परिवार की सहायता के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय पैकेज की घोषणा की है।
इस पैकेज में विभिन्न मुआवजे और एक अनुग्रह राशि शामिल है, जो कुमार की मां किरण देवी को दी जाएगी, जो कुल 44 लाख 52 हजार रुपये है। इसके अलावा, रेलवे ने कुमार के भाई के लिए अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जो ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिवारों का समर्थन करने के लिए रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।