बिहार में संस्कृत की परीक्षा में इस्लाम के सवालों पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस मामले पर नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। और इसे बिहार में संस्कृत का इस्लामीकरण करार दिया है। दरअसल गुरूवार को हुई नौवीं की संस्कृत विषय की परीक्षा में 10 सवाल इस्लाम से जुड़े थे। जिस पर गिरिराज ने आपत्ति जताई है। वहीं इस मामले पर अब जेडीयू की भी प्रतिक्रिया सामने आ गई है।
जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने गिरिराज सिंह द्वारा बिहार संस्कृति शिक्षा बोर्ड के प्रश्न पत्र पर सवाल उठाने की कड़ी निंदा की है। उन्होने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जुड़े नाथ संप्रदाय में तो इस्लाम से जुड़ी कई चीजें पढ़ाई जाती हैं। इस पर गिरिराज सिंह क्या कहेंगे। क्या वो सनातन के अनुकूल है या नहीं। नीरज कुमार ने कहा कि संस्कृत के प्रश्न पत्र में पूछे गए सवालों पर इस तरह की बयानबाजी उचित नहीं । यह तो गंगा-जमुनी तहजीब का हिस्सा है। हम दूसरे धर्म के बारे में जानें, उसकी इज्जत करें। किसी भाषा को किसी धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि संस्कृत के पेपर में इस्लाम के सवालों का क्या मतलब है। उन्होने कहा कि बिहार में लालू और नीतीश की सरकार है। नीतीश कुमार संस्कृत का इस्लामीकरण कर रहे हैं। बिहार में ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान या बांग्लादेश में हैं। ये गजवा-ए-हिंद को स्थापित करना चाहते हैं। क्या दूसरे की संस्कृति जानने के लिए क्या अब महीने में एक बार नमाज पढ़ने जाना होगा।