भारत में जब भी क्रिकेट की बात होगी तो सचिन तेंदुलकर के साथ-साथ किसी अन्य खिलाड़ी का नाम लिया जाएगा तो वह एमएस धोनी ही होंगे। एमएस धोनी ने बतौर कप्तान और खिलाड़ी भारत के लिए बहुत कुछ किया है। टीम इंडिया ने एमएस धोनी की कप्तानी में आईसीसी के तीन खिताब अपने नाम किए थे। धोनी की ही कप्तानी में भारत ने अपना आखिरी आईसीसी ट्रॉफी साल 2013 में जीता था। धोनी इस उम्र में भी आईपीएल खेल रहे हैं और उनका फैंस बेस आज भी भारत के मौजूदा खिलाड़ियों से कहीं ज्यादा है। धोनी जिस भी स्टेडियम में खेलते हैं वहां लाखों फैंस उन्हें देखने के लिए आ जाते हैं।
धोनी के जर्सी नंबर को किया जाएगा रिटायर
धोनी ने यूं ही इतना प्यार नहीं कमाया है। इसके लिए उन्होंने जीतोड़ मेहनत भी की है। आज भी फैंस धोनी को बतौर कप्तान और खिलाड़ी कई मौकों पर मिस करते हैं। धोनी के इन्हीं सफलताओं के कारण अब बीसीसीआई ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत उनकी जर्सी नंबर को हमेशा के लिए भारतीय क्रिकेट में यादगार बनाए रखने के लिए रिटायर कर दिया जाएगा। धोनी का जर्सी नंबर 7 है। माही जर्सी नंबर 7 हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर जमकर ट्रेंड कर रहा है। इसके पीछे का कारण धोनी खुद है। बीसीसीआई द्वारा इस नंबर को रिटायर किए जाने के बाद कोई भी भारतीय खिलाड़ी को अब यह नंबर नहीं दिया जाएगा।
BCCI वाइस प्रेसिडेंट ने किया कंफर्म
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा क्रिकेटर एमएस धोनी की जर्सी को रिटायर किए जाने पर बीसीसीआई के वाइस प्रेसिडेंट राजीव शुक्ला ने कहा कि “बीसीसीआई का यह फैसला एमएस धोनी के राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर योगदान को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।” इंटरनेशनल क्रिकेट और यह उनके लिए सम्मान की बात है। जर्सी नंबर 7 एमएस धोनी की पहचान थी और उस ब्रांड को कमजोर होने से बचाने के लिए बीसीसीआई द्वारा उठाया गया यह कदम काबिले तारीफ है।
इस खिलाड़ी के भी जर्सी को किया जा चुका है रिटायर
एमएस धोनी के अलावा भारत के सबसे महान खिलाड़ी और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के भी जर्सी के नंबर को बीसीसीआई ने उनके रिटायरमेंट के बाद रिटायर कर दिया था। सचिन तेंदुलकर का जर्सी नंबर 10 था। साल 2013 में सचिन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायरमेंट लिया था। उनके रिटायरमेंट के बाद से किसी भी खिलाड़ी को यह जर्सी नंबर नहीं दिया गया है। सचिन के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में कई रिकॉर्ड दर्ज हैं जिसे कोई भी खिलाड़ी आज तक नहीं तोड़ सका है।