दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह में दिवाली के दीए। पूरे पाँच दिनों तक सजाई जाती हैं दीपमालाएं। यह परंपरा यहाँ सदियों से जारी है। बसंत पंचमी और होली पर भी यहाँ अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है. यही है असली हिन्दुस्तान, जिसे तबाह करने की बहुआयामी परियोजना में एक गिरोह इन दिनों जी-जान से जुटा हुआ है।
दिवाली के दिन दरगाह शरीफ पर हिंदू और मुस्लिम मिलकर चिराग रौशन करते हैं. पूरे देश में जगमग इस त्यौहार पर हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह शरीफ भी रौशनी से चमक उठती है. चिरागो की रौशनी से यहां ऐसा नजारा बनता है कि यह लोगों के दिलों को भी रौशन कर देता है. यहां शाम के वक्त दुआ-ए-चरागां की रस्म भीं निभाई जाती है. इस रश्म में दियों की रौशनी में दुआएं की जाती हैं.
दरगाह शरीफ पर हाजिरी देने वाले मुजम्मिल बरकाती कहते हैं कि दिवाली के दिन दरगाह शरीफ पर दिये रौशन किए जाते हैं, और जश्न-ए-चरागां की मुबारकबाद दी जाती है. वो बताते हैं कि खुशी के मौके पर दीपक जलाए जाने पर जश्न-ए-चरागां मनाया जाता है. दीपवाली भी खुशियां का त्यौहार है. इस खुशी के त्यौहार पर हिंदू भाई-बहन दरगाह शरीफ पर आकर चिराग रौशन करते हैं, और मुस्लिम भाई इस खुशी में शामिल होकर उन्हें दिवाली की मुबारकबाद देते हैं.