बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसे लेकर सभी राजनीतिक दलों में तनातनी जारी है। बिहार की सियासत में अब तिलक पर तकरार शुरू हो गई है। बिहार सरकार के मंत्रियों का दावा है कि नेता प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव जब मंदिर में पूजा करने गए थे, तब उनके माथे पर तिलक लगा हुआ था, लेकिन चंद कदम की दूरी पर जब वे इफ्तार में पहुंचे तो उनके माथे पर तिलक गायब था। बिहार सरकार के मंत्री संजय सरावगी और जीवेश मिश्रा ने कहा, तेजस्वी यादव अपने धर्म का सम्मान करते तो इफ्तारी में जाने के लिए माथे से टीका नहीं पोछते। सनातन धर्म से नफरत साफ दिख रहा है।
दरअसल, तेजस्वी यादव शुक्रवार को दरभंगा के कमतौल पहुंचे। जहां उन्होंने पहले अहिल्यास्थान मंदिर में जाकर माता रानी के दर्शन और पूजा-पाठ किए। वहीं पर मंदिर के पुजारी ने उनके माथे पर तिलक लगाया। इसके तुरंत बाद तेजस्वी यादव बगल के गांव कुम्हरौली पहुंचे, जहां उन्होंने एक इफ्तार पार्टी में भाग लिया। यहां तेजस्वी यादव को मुस्लिम समाज के लोगों ने टोपी पहनाकर स्वागत किया, लेकिन तब तेजस्वी यादव के माथे पर तिलक नहीं दिखा। इसी को लेकर बीजेपी और जेडीयू तेजस्वी यादव पर हमलावर है।
बिहार सरकार के नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा ने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा, ‘तेजस्वी यादव अपने धर्म का सम्मान नहीं करते। उन्होंने इफ्तारी में जाने के लिए माथे का टीका धो लिया। जब वे अपने धर्म का सम्मान नहीं करते तो दूसरे धर्म का सम्मान कैसे करेंगे। ऐसा लगता है कि तेजस्वी यादव को टीके से नफरत है। टोपी से उनका प्रेम जगजाहिर है। बिहार की जनता आने वाले चुनाव में तेजस्वी यादव को इसका जवाब देगी।’
वहीं राजस्व भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने भी हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘तेजस्वी यादव दरभंगा पहुंचे तो अलग रूप में दिखे। टीका से नफरत और जालीदार टोपी से प्रेम, सनातन धर्म से नफरत साफ़ दिख रहा है। यदि टीका से दिक्कत है, तो धर्म बदल लें। हाल ही में बिहार विधानसभा में ‘तिलक’ और ‘टोपी’ को लेकर राजनीतिक बहस तेज हो गई थी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा में उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर तंज कसते हुए कहा कि वे ‘तिलक’ लगाते हैं, लेकिन उनकी नीतियां जनविरोधी हैं। इसके जवाब में विजय सिन्हा ने कहा कि ‘तिलक’ हमारी संस्कृति का प्रतीक है और इसका सम्मान होना चाहिए।’