भागलपुर। मायागंज अस्पताल के पीजी शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. अंकुर प्रियदर्शी ने कहा कि शादी से पहले लड़का-लड़की को थैलेसीमिया की जांच करा लेनी चाहिए। अगर जांच में वे दोनों थैलेसीमिया माइनर निकलते हैं तो उन्हें शादी से परहेज करनी चाहिए। अगर दोनों में से कोई एक है तो शादी की जा सकती है। ऐसा करने से दोनों से पैदा हुए बच्चे थैलेसीमिया के शिकार नहीं होंगे। डॉ. प्रियदर्शी शनिवार को पीजी शिशु रोग विभाग में थैलेसीमिया पर रोकथाम व प्रबंधन विषयक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
पटना से आये हेमैटो आंकोलॉजिस्ट डॉ. शिशिर कुमार पात्रा ने कहा कि बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन से ही थैलेसीमिया की बीमारी से निजात पाया जा सकता है। लेकिन इसका इलाज बहुत ही महंगा होता है। लेकिन राहत की बात ये है कि बिहार सरकार प्रदेश भर के थैलेसीमिया के शिकार बच्चों को चिह्नित कर रही है और उनका निशुल्क बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन कराने के लिए सीएमसी वेल्लोर भेज रही है। सेमिनार में डॉ. खलील अहमद, डॉ. राजीव कुमार, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. ब्रजेश कुमार, डॉ. सतीश कुमार, डॉ. अनिल कुमार आदि मौजूद रहे।