भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी को वर्ल्ड कप से पहले बड़ी राहत मिली है। कोलकाता की एक निचली अदालत ने मंगलवार को मोहम्मद शमी को जमानत दे दी। उनकी पत्नी हसीन जहां ने शमी के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था। शमी के बड़े भाई मोहम्मद हसीब को भी इसी अदालत ने जमानत दे दी थी। मंगलवार को दोनों भाई निचली अदालत में पेश हुए। जहां उनके वकील ने जमानत याचिका दायर की। इसे मंजूर कर लिया गया।
2018 में कराया था मामला दर्ज
बता दें कि मार्च 2018 में शमी की वाइफ ने घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था। अपनी शिकायत में उन्होंने शमी के कथित ‘विवाहेतर’ संबंधों का विरोध करने पर शारीरिक उत्पीड़न आरोप लगाया था। पुलिस ने इस मामले में शमी और उनके बड़े भाई से भी पूछताछ की थी। साथ ही दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया था। हालांकि कोलकाता की एक निचली अदालत ने उस वारंट पर रोक लगा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट का रुख किया
इसके बाद जहां ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। हालांकि, उच्च न्यायालय ने भी निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा था। इसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने हाल ही में मामले को उसी निचली अदालत में फिर से भेज दिया। साथ ही सभी पक्षों को सुनने के बाद अंतिम निर्णय पर आने का निर्देश दिया।
1.30 लाख रुपये का मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश
इसके बाद मामले में नई सुनवाई निचली अदालत में शुरू हुई, जिसने आखिरकार मंगलवार को मामले में क्रिकेटर को जमानत दे दी। इस साल जनवरी में अदालत ने शमी की ओर से जहां को 1.30 लाख रुपये का मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। जिसमें से उन्हें 50 हजार रुपये व्यक्तिगत गुजारा भत्ता और शेष 80 हजार रुपये उनकी बेटी के भरण-पोषण के लिए देने का निर्देश दिया गया है।