कलकत्ता हाईकोर्ट ने की सिंगल जज बेंच ने गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (ईडी) के पूर्व अध्यक्ष को जमानत दे दी।
वह सरकारी स्कूलों में नकदी के बदले नौकरी मामले के संबंध में अक्टूबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद न्यायिक हिरासत में थे।
जमानत याचिका मंजूर करते हुए न्यायमूर्ति शुभ्रा घोष की सिंगल जज बेंच पीठ ने चार शर्तें तय की हैं। पहली शर्त यह होगी कि भट्टाचार्य को अपना पासपोर्ट तुरंत निचली अदालत में जमा कराना होगा। दूसरी शर्त यह होगी कि उन्हें अपना मोबाइल नंबर संबंधित जांच अधिकारियों को देना होगा, ताकि पूछताछ के लिए जब भी जरूरत हो वे उनसे संपर्क कर सकें।
तीसरी शर्त यह है कि भट्टाचार्य को इस मामले में किसी भी गवाह से संपर्क करने, उसे प्रभावित करने या धमकाने का कोई प्रयास नहीं होगा। इसके अलावा चौथी शर्त में जांच अधिकारियों की अनुमति के बिना वह शहर से बाहर नहीं जा सकेंगे।
इससे पहले जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्कूल नौकरी मामले की जांच शुरू की थी, तब भट्टाचार्य सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ गिरफ्तारी सहित किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण पाने में कामयाब रहे थे।
हालांकि, बाद में ईडी अधिकारियों ने मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच शुरू की और अक्टूबर 2022 में भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया। उनकी पत्नी सतरूपा भट्टाचार्य और बेटे सौविक भट्टाचार्य को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था और दोनों उस समय न्यायिक हिरासत में थे
हालांकि, कुछ समय बाद उनके बेटे और पत्नी दोनों को जमानत मिल गई। उनकी पत्नी की जमानत कलकत्ता हाईकोर्ट ने दी थी, जबकि उनके बेटे की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने दी थी। माणिक भट्टाचार्य की जमानत याचिका बार-बार खारिज की गई और आखिरकार गुरुवार को जमानत मंजूर हो गई।
भट्टाचार्य सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के दूसरे कद्दावर नेता हैं, जिन्हें स्कूल जॉब मामले में गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी को भी स्कूल जॉब मामले में गिरफ्तार किया गया था। चटर्जी अभी भी मध्य कोलकाता के प्रेसीडेंसी सेंट्रल करेक्शनल होम में न्यायिक हिरासत में हैं।