बिहार में लगातार हो रहे पेपरलीक को रोकने के लिए बिहार विधानमंडल ने जो नया एंटी पेपरलीक कानून पारित किया है उसके प्रावधानों के तहत ही सिपाही भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई होगी. केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने इसकी जानकारी दी और बताया कि इस कानून के प्रावधान बहुत ही कड़े हैं और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करनेवालों को जेल की सजा के साथ-साथ भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
‘खबरदार ! गड़बड़ी की कोशिश न करें’: जितेंद्र कुमार ने बताया कि अगर परीक्षा में कहीं से भी किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर नये कानून के कड़े प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी. इसमें 3 साल से लेकर 10 साल तक की सजा हो सकती है और 1 करोड़ से अधिक तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है. इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है और किसी तरह की अफवाह पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है।
नये कानून के बाद पहली भर्ती परीक्षाः बता दें कि बिहार में एंटी पेपरलीक कानून के बाद ये पहली भर्ती परीक्षा हो रही है. केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार ने बताया है कि सिपाही भर्ती का आयोजन 7 अगस्त से 28 अगस्त तक होगा, जिसके लिए पूरे राज्य में 545 परीक्षा केंद्र बनाए गये हैं. इस परीक्षा का आयोजन 6 चरणों में किया जाएगा.उन्होंने नए कानून का जिक्र करते हुए कहा है कि अगर कोई भी कदाचार करते हुए पकड़ा गया तो उस पर नए कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
“नये कानून में बहुत ही कड़े प्रावधान किए गये हैं. इसलिए इसकी जानकारी भी सबको होनी चाहिए और सबको सतर्क भी रहना चाहिए. इस कानून में जो अभ्यर्थी हैं उनके अलावा परीक्षा संचालन में जो अधिकारी हैं और कोई भी संस्था या व्यक्ति या संगठित समूह या हमारे सेवा प्रदाता किसी में से कोई भी परीक्षा की शुचिता को किसी तरह से प्रभावित करने की कोशिश करता है तो उसे दंडनीय अपराध माना गया है. ऐसे में अभ्यर्थी, उनके परिजन या परीक्षा से संबंधित सभी लोग पूरी तरह सतर्क रहें.”-जितेंद्र कुमार अध्यक्ष, केंद्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती
बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक 2024: बता दें कि 24 जुलाई को बिहार विधानसभा में बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक 2024 पास हुआ था. संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बिहार लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक 2024 सदन में पेश किया. इस विधेयक के बारे में जानकारी देने के बाद सदन से इसे पास भी करवाया. विपक्षी सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया।
क्या है कानून में प्रावधान?: एंटी पेपर लीक कानून के अनुसार पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने वाले शख्स को 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. दूसरे अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में दोषी पाए जाने पर अपराधी को 3-5 साल की जेल होगी और दस लाख का जुर्माना भी लगाया जाएगा. इसके साथ ही अगर परीक्षा में गड़बड़ी मामले में किसी संस्थान का नाम सामने आता है तो उस संस्थान से परीक्षा का पूरा खर्चा वसूला जाएगा. वहीं संस्थान की संपत्ति कुर्क भी की जा सकती है।
NEET में पेपरलीक को लेकर मचा बवालः हाल ही में NEET यूजी में पेपरलीक के बाद पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. इस केस का मुख्य आरोपी संजीव मुखिया अभी तक फरार है जबकि इसकी जांच अब सीबीआई कर रही है. इस मामले में अभी तक 7 राज्यों से करीब 42 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।