भागलपुर : जिलाधिकारी की अध्यक्षता में श्रम संसाधन विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित

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भागलपुर 12 नवम्बर 2024:-जिलाधिकारी डॉक्टर नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में श्रम संसाधन विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।बैठक में श्रम अधीक्षक ने बताया कि बिगत दिनों में 208 बाल श्रमिक विमुक्त किए गए हैं उनके परिवार को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना है तथा उन बच्चों को विद्यालयों में नामांकन कराया जाना है बच्चों की सूची जिला शिक्षा पदाधिकारी भागलपुर को 12 अगस्त को ही उपलब्ध करा दी गई है।जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि संबंधित प्रखंड परिवर्तन पदाधिकारी श्रम परिवर्तन पदाधिकारी सभी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करेंगे साथी शिक्षा विभाग से संबंध में स्थापित कर बच्चों का नामांकन हुआ कि नहीं यह देखना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने सभी कार्य को निष्पादित करने के लिए 7 दोनों का समय दिया।बैठक में बताया गया कि बाल श्रम उन्मूलन हेतु धावा दल का गठन किया गया है। वर्तमान महीने में 11 छापेमारी की गई है।बिहार प्रवासी मजदूर दुर्घटना योजना के अंतर्गत बिहपुर के मृतक श्रमिक को लाभ दिलाने की कार्रवाई अंतिम चरण में है।जिलाधिकारी ने कहा कि वैसे लोग जो सड़क दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। उन्हें इन योजनाओं का लाभ दिलाया जाना चाहिए।  उल्लेखनीय है कि शताब्दी योजना के अंतर्गत दुर्घटना में मजदूर मृतक के आश्रित को एक लाख रुपए लाभ दिया जाता है। दुर्घटना में पूर्णतया अंग क्षतिग्रस्त होने पर 75 हजार रुपए एवं आंशिक रूप से अंग क्षतिग्रस्त होने पर 37000 रूपये का लाभ संबंधित मजदूर को प्रदान किया जाता है।

श्रम अधीक्षक भागलपुर श्री कुमार नलिनी कांत ने बताया कि श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा संपूर्ण बिहार में वर्तमान वर्ष में 40 लाख मजदूरों का पंजीयन भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

इस योजना के अंतर्गत भवन, सड़क, बांध, पुल-पुलिया निर्माण से जुड़े सभी प्रकार के श्रमिकों, जिनमें राजमिस्त्री, रेजा, बढ़ई, लोहार, बिजली मिस्त्री, टाइल्स मिस्त्री, प्लम्बर, बोल्डर, ढलाई मशीन से जुड़े कर्मी एवं चालक, रोलर, डोजर, डंफर चालक सहित अन्य संबंधित 18 वर्ष से 60 वर्ष तक के मजदूरों का लेबर कार्ड ऑनलाइन बनाया जाता है। किसी भी वसुधा केंद्र/ ग्राहक सेवा केंद्र पर 50 रुपए में 5 वर्षों के लिए मजदूरों का ऑनलाइन निबंधन हो जाता है।

इसके लिए संबंधित मजदूर को अपना आधार कार्ड, बैंक खाता का नंबर, दो पासपोर्ट साइज का फोटो और 90 दिनों तक उपरोक्त किसी एक कार्य में कार्यरत रहने का स्वघोषणा पत्र या संबंधित संवेदक या कार्य एजेंसी द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना होता है।

उल्लेखनीय है कि लेबर कार्ड बन जाने पर निबंध मजदूरों को 16 प्रकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त होता है। जिनमें मजदूर को औजार खरीदने के लिए 15000 रुपए, घर मरम्मती के लिए 20000 रुपए, साईकिल क्रय करने के लिए 3500 रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। दो बालिग पुत्री की शादी के लिए 50-50 हजार रूपए, मजदूर की स्वाभाविक मृत्यु होने पर 2 लाख रुपए, दुर्घटना से मृत्यु होने पर 4 लाख रुपए उनके आश्रित को प्रदान किया जाता है। 60 वर्ष की उम्र पूरा होने के बाद निबंधित मजदूर को प्रतिमाह 1000 रुपए का पेंशन एवं पेंशनधारी मजदूर के मृत्यु के उपरांत उनके जीवित पत्नी को 500 रुपए प्रतिमह पेंशन, महिला मजदूर को मातृत्व लाभ के रूप में गर्भावस्था की स्थिति में 3 महीने का मजदूरी के समतुल्य राशि लगभग 37 हजार रूपए, निबंधित मजदूर के बेटा- बेटी की पढ़ाई के लिए, नामांकन के लिए सहायता राशि, प्रथम श्रेणी से मैट्रिक उत्तीर्ण करने पर 10 हजार रूपए, 70 से 80% अंक प्राप्त करने पर 15 हजार रुपए, 80% से अधिक अंक प्राप्त करने पर 25 हजार रुपए प्रदान किए जाते हैं। जो शिक्षा विभाग की देय राशि के अतिरिक्त दिया जाता है। निबंधित मजदूर के आंशिक रूप से विकलांग होने पर विकलांगता पेंशन 5000 प्रति माह दिया जाता है।

गौरतलब है कि प्रत्येक 5 वर्ष पर लेबर कार्ड का नवीकरण करना अनिवार्य है। जिस पर 30 रुपए मात्र लगता है। यह निबंध श्रम संसाधन विभाग के पोर्टल https:// blrd.skillmission.bihar.org पर किया जाता है।ऑनलाइन निबंधन हो जाने पर पोर्टल से ही लेबर कार्ड निर्गत हो जाता है। प्रत्येक प्रखंड में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी इसके निबंधन पदाधिकारी होते हैं। निबंधन जिस प्रखंड में होगा, लाभ भी उसी प्रखंड से प्राप्त होगा। साथ ही विशेष जानकारी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी से भी प्राप्त की जा सकती है।

जिलाधिकारी ने सभी मनरेगा मजदूर का लेबर कार्ड बनवाने के लिए संबंधित प्रखंड के पीओ से,महादलित टोला के मजदूर का लेबर कार्ड बनवाने हेतु विकास मित्र से, सतत जीवकोपार्जन योजना में शामिल मजदूर कल लेबर कार्ड बनवाने हेतु जीविका के डीपीएम बीपीएम से, प्रधानमंत्री विश्वकर्म योजना के आवेदक का श्रम कार्ड बनवाने के लिए उद्योग महाप्रबंधक से समन्वय स्थापित करने तथा प्रखंड एवं ग्राम स्तर पर संबंधित पंचायत एवं वार्डों के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया गया।

बैठक में बिहार प्रवासी मजदूर दुर्घटना योजना के संबंध में बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत राज्य के बाहर काम करने वाले दुर्घटना से मृतक मजदूर को वहां से लाने की जिम्मेदारी श्रम संसाधन विभाग की है साथ ही उन्हें 02 लाख रुपए का सहायता राशि प्रदान की जाती है।बिहार प्रवासी मजदूर दुर्घटना योजना के अंतर्गत सहायता केवल विशेष दुर्घटनाओं के लिए ही दी जाती है। जिन दुर्घटनाओं के लिए सहायता मिलती है वे हैं: सड़क या रेल दुर्घटनाएं, प्राकृतिक आपदाएं,आतंकवादी हमले या आपराधिक हमले, बिजली के झटके, पेड़ या भवन गिरना, जानवरों के हमले, विद्युत स्पर्श घात एवं सर्पदंश। यदि मज़दूर की निम्नलिखित कारणों अथवा परिस्थितियों में मृत्यु या किसी प्रकार की क्षति होती है तो उन्हें इस योजना के तहत सहायता अनुदान नहीं प्राप्त होगा। निजी झगड़ों में लगा चोट, आत्महत्या,नशे की हालत में हुई दुर्घटना एवम् आपराधिक गतिविधियों में हुए क्षति या मृत्यु अनुदान राशि दुर्घटना से मृत्यु की स्थिति में 2,00,000 (दो लाख रुपये) स्थायी पूर्ण अपंगता की स्थिति में₹ 1,00,000 (एक लाख रुपये)स्थायी आंशिक अपंगता की स्थिति में 50,000 (पचास हजार रुपये) सीधे मजदूर के बैंक खाते और मृत्यु के स्थिति में उसके वैध आश्रित के बैंक खाते में भेजी जाती है। बैठक में उप विकास आयुक्त श्री प्रदीप कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ0 अशोक प्रसाद, जिला शिक्षा पदाधिकारी राजकुमार शर्मा एवं सभी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी उपस्थित थे।

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