भागलपुर के नाथनगर में बिहार की सबसे बड़ी काली की प्रतिमा भागलपुर जिले के नाथनगर प्रखंड क्षेत्र के रामपुर खुर्द पंचायत के बहबलपुर में स्थापित होती है। पिछले चार सौ वर्षों से यहां 32 फीट की बमकाली स्थापित होती है। 32 फीट लंबी प्रतिमा का दर्शन करने यहां पूरे बिहार से लोग आते हैं।
काली पूजा के दौरान गांव में उत्सव का माहौल कायम रहता है। वैसे स्थानीय लोग जो साल भर गांव से बाहर रहते है वे निश्चित रूप से काली पूजा में अपने घर जरूर आते है। इस वर्ष 31 अक्टूबर की रात 12 बजे मां काली की प्रतिमा वेदी पर स्थापित की जाएगी। 12 बजे रात से सुबह सात बजे तक माता की विशेष पूजा होगी। महाकाली बहवलपुर पूजा समिति के मेढ़पति अजय सिंह ने बताया कि पूरे बिहार भर में यहां सबसे बड़ी प्रतिमा स्थापित होती है।
बहबलपुर काली मंदिर के मेढ़पति अजय कुमार सिंह ने बताया कि यहां करीब चार सौ वर्ष पूर्व गांव के ही काली सिंह को मां काली का सपना आया था। मां काली ने उन्हें दिया कि हमें पेड़ के नीचे स्थापित करो। सपने की बात को काली सिंह ने हल्के में लिया ओर गांव में बहने वाली गोडियानी नदी में स्नान करने गया। स्नान के बाद वो अचानक बेहोश हो गया। होश आने पर उसने गांव में काली को स्थान दिया। आरंभ से ही यहां भव्य 32 फिट की काली प्रतिमा स्थापित होती है। साज सज्जा के साथ प्रतिमा 35 फीट लंबी हो जाती है। मां को करीब 501 पाठे की बली दी जाती है। हमलोग नौवीं पीढ़ी है जो मां की अराधना कर रहे हैं। गांव के प्रबुद्ध जनों द्वारा कई वार मां काली के मंदिर बनाने का प्रयास किया गया। लेकिन जिनके द्वारा यह प्रयास शुरू कराया गया उनके साथ अनहोनी होना शुरू हो जाती है। पीपल के पेड़ के नीचे मां का पिंड स्थापित है। चारों और आम का बगीचा है। बगीचा रहने के कारण यहां का माहौल भक्ति और शांति से परिपूर्ण है। गांव में स्थापित होने वाली बम काली की प्रतिमा का निर्माण गांव के ही रूदल सिंह वर्षों से करते आ रहे है। ये कहते है कि करीब 40 साल से लगातार वो प्रतिमा का निर्माण कर रहे है।