भागलपुर। लंबे अरसे के बाद अतिक्रमण हटाने का अभियान का असर स्टेशन चौक पर दिखाई दिया। सोमवार को जिला व पुलिस प्रशासन तथा नगर निगम की संयुक्त टीम का बुलडोजर चला तो स्टेशन चौक पूरी तरह से अतिक्रमणमुक्त हो गया। स्टेशन परिसर की बाउंड्री से सटी सारी दुकानों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। स्थिति यह थी कि संयुक्त टीम का रुख देखते ही वहां के सारे दुकानदार अपनी दुकान समेट कर भागने लगे। फल दुकानदार से लेकर ढाबा संचालक बेंच, कुर्सी, बर्तन, चूल्हा आदि समेटकर वहां से हट गए। दुकानदारों के हट जाने के बाद भी निगम की टीम ने बुलडोजर से वहां पड़ा एक-एक सामान समेट ट्रैक्टर ट्रॉली पर लादकर वहां से लेकर चली गई।
पिछले कुछ महीनों से नगर निगम के अलावा संयुक्त टीम द्वारा शहर के विभिन्न इलाकों से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। अतिक्रमण हटाने के नाम पर केवल जुर्माना की वसूली होती रही। इक्का-दुक्का दुकानों का सामान जब्त कर अभियान का कोरम पूरा कर लिया जाता रहा। वहीं, सोमवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर एसपी सिटी डॉ. के. रामदास, डीएसपी अजय कुमार चौधरी, दंगा नियंत्रण फोर्स समेत आसपास के थाने की पुलिस लेकर पहुंचे। करीब दो बजे से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू हुआ। रेलवे स्टेशन परिसर से सटी दुकानों को हटाने का काम शुरू किया गया। बुलडोजर से एक-एक कर दुकानों को ध्वस्त करना शुरू किया गया। संयुक्त टीम का रुख देखते हुए दुकानदारों ने अपनी दुकानों से सामान समेट कर हटना शुरू कर दिया। नगर निगम के अतिक्रमण प्रभारी वशिष्ठ नारायण चौधरी ने कहा कि इस दौरान एक हजार रुपये का जुर्माना भी वसूला गया। एसपी सिटी के. रामदास ने कहा कि स्टेशन के सामने काफी अतिक्रमण था। इनको कई बार अतिक्रमण हटाने के लिए हिदायत दी गई थी, लेकिन अतिक्रमण बरकरार था। सोमवार को अतिक्रमण को पूरी तरह से हटा दिया गया।
70 से 80 फीट चौड़ी दिखने लगी सड़क
सोमवार को जब स्टेशन चौक को अतिक्रमण मुक्त किया गया तो यह सड़क 70 से 80 फीट तक चौड़ी दिखने लगी। अतिक्रमण की वजह से यह सड़क सिकुड़कर 25 से 30 फीट ही रह गई थी। इसकी वजह से यहां अक्सर जाम की समस्या बनी रहती थी। स्टेशन परिसर की दीवार से लेकर सड़क तक दुकानदार अपनी दुकानों को सजाए रखते थे।
छह साल पहले भी चला था ऐसा अभियान
सोमवार को जिस तरह से स्टेशन चौक के सामने से अतिक्रमण हटाया गया, उस तरह का अभियान करीब छह साल पहले एसडीओ अनुज कुमार के समय भी चलाया गया था। स्टेशन से परबत्ती तक के रास्ते को पूरी तरह से अतिक्रमणमुक्त कर दिया गया था। शहर के अन्य इलाकों को भी अतिक्रमणमुक्त किया गया था।