भागलपुर : शुक्रवार को दो मरीजों की हुई मौत के बाद करीब एक दर्जन मृत मरीजों के परिजनों ने मायागंज अस्पताल के फैब्रिकेटेड हॉस्पिटल के इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड में दो घंटे तक जमकर हंगामा किया। इस दौरान जहां पीजी डॉक्टरों व वार्ड की नर्सों ने परिजनों की मार से बचने के लिए खुद को करीब दो घंटे तक अलग-अलग चैंबरों में बंद रखा। वहीं परिजनों ने वार्ड में तोड़फोड़ से लेकर जो मिला उसे गालियों से खूब नवाजा। अस्पताल के सुरक्षाकर्मी तक हंगामा कर रहे लोगों के नजदीक नहीं गये तो कर्मचारी व पदाधिकारी भी वार्ड से नदारद रहे।
लापरवाही का आरोप लगा शुरू हो गया हंगामा
शुक्रवार को दोपहर बाद करीब साढ़े तीन बजे 15 मिनट के अंदर दो मरीजों की मौत हो गई। इसके बाद परिजनों का हंगामा शुरू हो गया। परिजनों का आरोप था कि यहां पर उन लोगों का मरीज भर्ती रहा और डॉक्टरों ने इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड को नर्सों के भरोसे छोड़ दिया था तो यहां की नर्सें मरीजों व परिजनों का दर्द सुनने के बजाय खुद को भगवान समझकर परिजनों के साथ दुर्व्यवहार कर रही थीं। ज्यादा आग्रह करने पर नर्सें प्राइवेट अस्पताल जाने व रेफर करने की धमकी दे रही थीं।
एक मरीज को लीवर कैंसर, महिला के मूत्र नली से निकल रहा था मल
शाहकुंड थानाक्षेत्र के बनामा की 56 वर्षीय किरन देवी को गुरुवार को डॉ. राजकमल चौधरी की यूनिट में भर्ती कराया गया था। जिनकी मौत शुक्रवार को दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड में इलाज के दौरान हुई। वहीं अंतीचक क्षेत्र के विक्रमशिला निवासी 80 वर्षीय विनोद राम की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें डॉ. राजकमल चौधरी की यूनिट में शुक्रवार की अलसुबह 125 बजे भर्ती कराया गया। जहां उनकी मौत शुक्रवार को दोपहर बाद साढ़े तीन बजे हो गयी। परिजनों का आरोप था कि नर्स द्वारा इंजेक्शन लगाए जाने के बाद ही मरीज का शरीर नीला पड़ गया और कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई। वहीं यूनिट इंचार्ज डॉ. राजकमल चौधरी ने बताया कि बुजुर्ग मरीज विनोद राम को जहां लीवर कैंसर था और कैंसर लीवर से बढ़कर किडनी व आंत को अपनी चपेट में ले लिया था। शुक्रवार की सुबह में ही मरीज के लास्ट स्टेज के कैंसर की जानकारी परिजनों को देते हुए उन्हें पटना ले जाने की सलाह दी गई थी। लेकिन परिजनों ने बाहर ले जाने के बजाय यहीं पर इलाज की बात कही। वहीं महिला किरन देवी स्त्रत्त्ी रोग एवं प्रसव विभाग से रेफर की गई थी। उनका आईसीयू में इलाज चल रहा था। उनके पेशाब के नली से गंदा डिस्चार्ज हो रहा था। तो उसे सांस लेने की दिक्कत, हाइपरटेंशन आदि की समस्या थी। इसकी जान बचाने का प्रयास हुआ, लेकिन जान नहीं बचायी जा सकी।

अधीक्षक पहुंचे मौके पर तब जाकर मामला हुआ शांत
साढ़े तीन बजे से शुरु हुआ हंगामा शाम साढ़े पांच बजे तक चला। इस दौरान परिजनों के आक्रोश की राह में जो भी आया, उसकी फजीहत हो गई। सूचना मिली तो बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी व सुरक्षाकर्मी इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड पहुंचे। मौके पर अस्पताल अधीक्षक भी पहुंचे और परिजनों को आश्वासन दिया। इसके बाद परिजनों ने लाश को लिया और घर चले गये।